शब्द का अर्थ
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बहल :
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स्त्री०=बहली (गाड़ी)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बहलना :
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अ० [हिं० बहलाना का अ०] १. ऊबे, थके, खाली बैठे या दुःखी व्यक्ति अथवा उसके मन का मनोरंजक या रमणीक वस्तुओं से परचना या कुछ समय के लिए प्रसन्न और शांत होना। २. झंझट-बखेड़े, चिंता आदि की बात भूलकर मन का किसी दूसरी ओर लगना; और फलतः कुछ स्वस्थ या हलका अनुभव करना। जैसे—दिन भर काम करने के बाद संध्या को थोड़ा टहल लेने से मन बहल जाता है। संयो० क्रि०—जाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बहलवान :
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पुं [हिं० बहल या बहली+वान (प्रत्य०)] बहल या बहली हाँकनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बहलाना :
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स० [फा० बहाल=अच्छी या ठीक दशा में] १. कष्ट, रोग, विरक्ति आदि की दशा में दुःखी या चिन्तित को इधर-उधर की बातों में लगाकर प्रसन्न, शांत या सुखी करने का प्रयत्न करना। जैसे—बीमारी के दिनों में पड़ा पड़ा मैं ताश खेलकर मन बहला लेता था। २. झंझट या बखेड़े की बातों से अलग रहकर मन की चिंताएँ दूर करने का प्रयत्नकरना। मनोरंजक कामों, चीजों या बातों से मन पर पड़ा हुआ भार हलका करना। ३. किसी एक काम या बात में लगा हुआ मन इस उद्देश्य से किसी दूसरे काम या बात में लगाना कि शिथिलता दूर हो जाय और प्रफुल्लता आ जाय। जैसे—वह हर एतवार को मन बहलाने के लिए बगीचे चले जाया करते हैं। ४. इधर-उधर की बातें करके किसी को भुलावा देते हुए उसका ध्यान या मन दूसरी ओर लगाना। जैसे—रोते हुए लड़के को बहलाने के लिए उसे खिलौना देना। संयो० क्रि०—देना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बहलाव :
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पुं० [हिं० बहलना] १. बहलाने की क्रिया या भाव। २. मन-बहलाव। मनोरंजन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बहलावा :
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पुं० १.=बहलाव। २.=बहकावा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बहलिया :
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पुं०=बहेलिया। स्त्री०=बहली।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बहली :
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स्त्री० [सं० वाह्याली या वह्याली] बैलों द्वारा खींची जानेवाली एक तरह की पुरानी चाल की सवारी गाड़ी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बहल्ला :
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वि० [फा० बहाल] आनंदित। खुश। पुं० आनंद। खुशी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |