लोगों की राय

शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

रख  : स्त्री० रखा (चरी)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)]
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रख-रखाव  : पुं० [हिं० रखना+रखाना] १. रक्षा। हिफाजत। २. मर्यादा, परंपरा, व्यवहार सम्बन्ध आदि का उचित रूप में होनेवाला निर्वाह। उदाहरण—दुनिया है रख-रखाव की, इससे सँभल के चल।—कोई सायर। ३. दोनों पक्षों की बात रखने तथा उन्हें संतुष्ट करने की क्रिया या भाव। ४. पालन-पोषण। रखल
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखटी  : स्त्री० [देश] ईख की एक जाति।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखड़ा  : पुं० =रखटी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखना  : स० [सं० रक्षण, प्रा० रक्खणा] १. किसी आधार, तल, वस्तु, व्यक्ति, स्थान आदि पर कोई चीज टिकाना, धरना, लादना या स्थापित करना। जैसे—(क) मेज पर गिलास रखना। (ख) मुँह पर हाथ रखना। (ग) घोड़े पर असबाब रखना। २. किसी वस्तु को दूसरे को देने, सौंपने या समर्पित करने के उद्देश्य से स्थापित करना या छोड़ देना। जैसे—किसी पर निर्णय का भार रखना। ३. किसी व्यक्ति को किसी विशिष्ट पद पर या स्थिति में नियुक्त या स्थापित करना। तैनात या मुकर्रर करना। जैसे—घर के काम के लिए नौकर तथा कोठी के काम के लिए मुनीम रखना। ४. कोई बात या विषय किसी के सामने समझाने आदि के लिए उपस्थित करना या प्रस्तुत करना। जैसे—(क) पसंद करने के लिए ग्राहक के सामने चीजें रखना। (ख) अदालत के सामने मामला या सूबत रखना। (ग) श्रोताओं के सामने उदाहरण अथवा प्रसंग रखना। ५. कोई चीज या बात इस प्रकार अपने अधिकार या वश में करना कि उसका दुरुपयोग न हो सकें, अथवा वह दूसरे के अधिकार में न जा सके। जैसे—(क) सौ रुपये हमने अपने पास रखे हैं। (ख) यह बात अपने मन में रखना, अर्थात् किसी से कहना मत। मुहावरा—(किसी का) कुछ रख लेना=इस प्रकार अपने अधिकार में कर लेना कि उसका वास्तविक स्वामी उसे पा या ले न सके। दबा लेना। जैसे—उन्होंने हमारा सारा काम भी रख लिया, और हमें रुपए भी नहीं दिये। ६. किसी प्रकार के उपयोग के लिए चीजें एकत्र करना। संग्रह या संचय करना। जैसे—(क) यह दूकानदार सब तरह की चीजें रखता है। (ख) हम हस्तलिखित ग्रन्थ और पुराने सिक्के रखते हैं। ७. पालन-पोषण, मनोविनोद, व्यवहार आदि के लिए अपने अधिकार में करना। जैसे—(क) कबूतर, कुत्ता या गौ रखना। (ख) गाड़ी, घोड़ा या मोटर रखना। (ग) रंडी रखेली रखना। ८. किसी के टिकने, ठहरने या रहने के लिए स्थान की व्यवस्था करना। टिकाना। ठहराना। जैसे—बरातियों को तो उन्होंने अपने बगीचे में रखा, और नौकर-चाकरों को धर्मशाला में। ९. किसी प्रकार का आरोप करना। जिम्मे लगाना। सिर मढ़ना। जैसे—तुम तो सदा सारा दोष मुझ पर ही रखते हो। १॰. कोई चीज गिरवी या बंधक में देना। रेहन करना। जैसे—घर के गहने रख कर ये ५००) लाया हूँ। ११. किसी का ऋणी या कर्जदार होना। जैसे—हम उनका कुछ रखते नहीं है, जो उनसे दबें। १२. किसी पुरुष का किसी स्त्री (या किसी स्त्री का पर-पुरुष को) उपपत्नी (या उपपति) के रूप में ग्रहण करके उसे अपने यहाँ स्थान देना। जैसे—विधवा होने पर उसने अपने देवर (या नौकर) को रख लिया था। १३. प्रसंग-संभोग या सहवास करना। (बाजारू) जैसे—एक दिन तो तुमने भी उसे रखा था। १४. सामाजिक व्यवहार आदि में परंपरा संबंध आदि का निर्वाह या पालन करना। बिगड़ने न देना। जैसे—(क) तुम भले ही सबसे लड़ते फिरो, पर हमें तो सबसे रखना ही पड़ता है। (ख) वह ऐसी कर्कशा और कलहनी थी, कि उसने अपने किसी रिश्तेदार से नहीं रखी। १५. किसी चीज की देख-भाल या रखवाली करना। विपत्ति, हानि आदि से रक्षा करना। १६. उक्त सुरक्षा की दृष्टि से कोई चीज किसी के पास छोड़ना। सुपुर्द करना। जैसे—अभी यह घडी़ भइया के पास रख दो, जरूरत पड़ने पर ले लेना। संयो० क्रि०—देना। १७. ऐसी स्थिति में लाना या रखना कि जाने, निकलने या भागने न पावे (प्राय० संयो० क्रि० के रूप में प्रयुक्त) जैसे—दबा रखना, भार रखना, रोक रखना। १८. कुछ विशिष्ट मनोवेगों के संबंध में, मन में दृढ़तापूर्वक धारण करना या स्थान देना। जैसे—आशा या भरोसा रखना। १९. आघात, प्रहार आदि के रूप में जमाना या लगाना। (क्व०) जैसे—उसने लाठी का एक ऐसा हाथ रखा कि लड़के का सिर फूट गया। २0०कोई काम या बात किसी और समय के लिए स्थगित करना। जैसे—अब इसका निश्चय कल पर रखो। २१. किसी रूप में किसी पर अवलंबित या आश्रित करना। जैसे—(क) किसी के कंधे पर हाथ रखना। (ख) खंभों या दीवारों पर छत रखना। मुहावरा—(कोई बात किसी पर) रखकर कहना=इस प्रकार कोई बात कहना कि उसका कुछ अंश किसी पर ठीक घटता या सार्थक होता हो। किसी को आरोप का लक्ष्य बनाकर कोई बात कहना। जैसे—मैने तो वह बात उन पर रख कर कही थी, तुम उसे व्यर्थ अपने ऊपर ले गये। २२. पक्षियों आदि के संबंध में, अंडे देना। जैसे—यह मुरगी साल में पचास अंडे रखती है। विशेष—(क) कुछ अवस्थाओं में यह क्रिया दूसरी क्रियाओं के साथ संयो० क्रि० के रूप में लगकर किसी कार्य की पूर्णता, समाप्ति आदि भी सूचित करती है। जैसे—यह रखना, बचा रखना, माँग रखना, ले रखना आदि। (ख) कुछ अवस्थाओं में संज्ञाओं के साथ लगकर यह क्रिया कुछ मुहावरे भी बनाती है। जैसे—हाथ रखना। ऐसे अर्थों के लिए संज्ञाएँ देखें। (ग) कुछ अवस्थाओं में इस क्रिया के साथ कुछ और क्रियाएँ भी संयो० क्रि० के रूप में लगती हैं। जैसे—रख छोड़ना, रख देना, रख लेना। ऐसे अवसरों पर भी प्रायः क्रिया की पूर्णता या समाप्ति ही सूचित होती है। पुं० [अ० रखनः] १. छेद। सुराख। २. ऐब। दोष। ३. बाधा। रूकावट।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखनी  : स्त्री० [हिं० रखना+ई (प्रत्यय)] वह स्त्री जिससे विवाह संबंध न हुआ हो और जो यों ही घर में पत्नी के रूप में रख ली गई हो। रखेली। सुरैतिन। क्रि० प्र०—बनाना।—रखना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखला  : पुं० =रहकला। पुं० [हिं० रहँकला] मध्य युग में तोप, आदि लाद कर ले चलने की छोटी गाड़ी। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखवाई  : स्त्री० [हिं० रखना, या रखाना] १. खेतों की रखवाली। चौकीदारी। २. रखवाली करने का काम, भाव या मजदूरी। ३. ब्रिटिश शासन में वह कर जो गाँवों से, उनमें चौकीदार रखने के बदले में लिया जाता था।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखवाना  : स० [हिं० रखना का प्रेर] १. रखने की क्रिया दूसरे से कराना। २. किसी को कुछ रखने अर्थात् निकालकर दे देने या सौंपने में प्रवृत्त या विवश करना। ३. दे० ‘रखाना’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखवार  : पुं० =रखवाला। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखवारी  : स्त्री०=रखवाली। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखवाला  : पुं० [हिं० रखना+वाला (प्रत्यय)] [भाव० रखवाली] १. वह जो किसी की या दूसरों की रक्षा करता हो। २. पहरा देनेवाला चौकीदार।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखवाली  : स्त्री० [हिं० रखना+वाली (प्रत्यय)] १. रखनेवाले का काम। रक्षा करने की क्रिया या भाव। हिफाजत। २. चौकीदारी। पहरेदारी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखशी  : स्त्री० [देश] एक प्रकार की नेपाली शराब। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखा  : स्त्री० [हिं० रखना] गोचर भूमि। चरी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखाई  : स्त्री० [हिं० रखना+आई (प्रत्यय)] १. रक्षा करने की क्रिया या भाव। रखवाली। २. रखवाली करने के बदले में मिलनेवाला पारिश्रमिक।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखान  : स्त्री० [हिं० रखना] चराई की भूमि। चरी। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखाना  : स० [हिं० रखना का प्रे०] रखने की क्रिया दूसरे से कराना। दूसरों को कुछ रखने में प्रवृत या विवश करना। अ० रखवाली या हिफाजत करना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखिया  : वि० [हिं० रखना+इया (प्रत्यय)] रखनेवाला। पुं० १. गाँव के समीप का वह पेड़ जो पूजनार्थ रक्षित रहता है। २. रक्षक। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखियाना  : स० [हिं० राखी+इयाना (प्रत्यय)] १. राखी लगाना। २. बरतन आदि राखी से रगड़ कर माँजना और साफ करना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखी  : पुं० =ऋषि। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखीराज  : पुं० =ऋषिराज। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखेड़िया  : पुं० [हिं० राख+एड़िया (प्रत्यय)] एक प्रकार के साधु जो शरीर पर भस्म लगाये रहते हैं। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखेली  : स्त्री० [हिं० रखना+एली (प्रत्यय)] बिना विवाह किए ही घर में पत्नी के रूप में रखी हुई स्त्री। रखनी सुरैतिन।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखैया  : वि० [हिं० रखना+ऐया (प्रत्यय)] १. रखनेवाला। २. रक्षा करनेवाला। रक्षक। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखैल  : स्त्री०=रखेली। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखौड़ी  : स्त्री० [हिं० राखी=रक्षा] रक्षासूत्र। राखी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखौत  : गोचर भूमि। चरी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखौना  : पुं० =रखौंत।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रखौनी  : स्त्री०=राखी। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ