शब्द का अर्थ
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लपक :
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स्त्री० [हिं० लपकना] लपकने या लचककर चलने की क्रिया या भाव। स्त्री० [अनु० लप से] चमक। दीप्ति। जैसे—गहनों या रत्नों की लपक, बिजली की लपक। स्त्री० =लपट (आग की)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
लपकना :
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अ० [हिं० लपक] १. सहसा बहुत जल्दी तेजी या फुरती से आगे बढ़ना। जैसे—(क) चोर को पकड़ने के लिए लोगों का लपकना। (ख) कोई चीज पाने या लेने के लिए किसी का हाथ लपकना। २. जल्दी-जल्दी पैर उठाते हुए तेजी से आगे बढ़ना या चलना। जैसे—सब लोग लपके हुए मेले की तरफ जा रहे थे। पद—लपककर=(क) बहुत तेजी या फुरती से। (ख) जल्दी-जल्दी आगे बढ़कर। जैसे—बाज ने लपक कर चिडि़या को पकड़ लिया। स०फुरती से आगे बढ़कर कोई चीज उठा या ले लेना। जैसे—उसने ऊपर ही ऊपर अँगूठी लपक ली। |
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समानार्थी शब्द-
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लपकपन :
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पुं० [हिं० लपकना +पन (प्रत्यय)] लपककर कुछ उठा लेने या किसी प्रकार का स्वार्थ सिद्ध करने की मनोवृत्ति। |
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लपका :
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पुं० [हिं० लपकना] १. लपकने की क्रिया या भाव। २. वह जिसे लपककर चीजें उठा लेने का अभ्यास और आदत हो। उचक्का। ३. आवारा और लुच्चा आदमी। ४. किसी तरह की बुरी, आदत टेव या बान। चस्का। लत। क्रि० प्र०—पड़ना।—लगना। |
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समानार्थी शब्द-
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लपकाना :
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स० [हिं० लपकाना का स०] किसी को लपकने अर्थात् फुरती से आगे बढ़ने में प्रवृत्त करना। जैसे—(क) किसी को पकड़ने के लिए आदमी लपकाना। (ख) कोई चीज उठाने के लिए हाथ लपकाना। |
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लपकी :
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स्त्री० [हिं० लपकाना] १. लपकाने की क्रिया या भाव। २. एक प्रकार की सीधी सिलाई। |
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लपकेबाजी :
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स्त्री० =लपकपन। |
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