शब्द का अर्थ
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शुन :
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पुं० [सं०√शुन् (गमनादि)+क] १. कुत्ता। २. वायु। हवा। ३. आराम। सुख। |
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समानार्थी शब्द-
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शुनः शेफ :
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पुं० [सं०] अजीगर्त ऋषि के पुत्र जिन्हें अजीगर्त ने यज्ञ में बलि चढ़ाने के लिए दे दिया था पर जिन्होंने कुछ वेदमंत्र सुनाकर अपने आपको बलिदान होने से बचाया था। |
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शुनक :
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पुं० [सं० शुन+कन्] १. कुत्ता। २. एक गोत्र प्रवर्तक ऋषि। |
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शुनहोत्र :
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पुं० [सं० शुन√ह (देना-लेना)+ष्ट्रन्, ष० त० स० वा] १. एक प्राचीन ऋषि का नाम। २. भरद्वाज ऋषि के पुत्र जो ऋग्वेद के कई मंत्रों के द्रष्टा हैं। |
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शुनामुख :
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पुं० [सं० ब० स०] हिमालय के उत्तर का एक प्राचीन प्रदेश। |
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शुनाशीर, शुनासीर :
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पुं० [सं० ब० स०] १. इंद्र। २. सूर्य। ३. देवता। |
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शुनासीरी (रिन्) :
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पुं० [सं० शुनासीर+इनि] [वि० शुनासीरीय] इन्द्र। |
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शुनि :
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पुं० [सं०√शुन् (गमनादि)+क-इनि] [स्त्री० शुनी] कुत्ता। |
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