शब्द का अर्थ
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संदी :
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स्त्री० [सं० सं√दो (बँधना)+ड-ङीप्] शय्या। पलंग। खाट। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
संदीपक :
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वि० [सं० सं√ दीप् (प्रदीप्त)+ण्वुल्-अक] संदीपन करने वाला। उद्दीपक। |
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समानार्थी शब्द-
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संदीपन :
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पुं० [सं० सं√दीप् (प्रदीप्त करना)+ल्युट्-अन] १. उदीप्त अर्थात तीव्र या प्रबल करने की इच्छा या भाव। उद्दीपन। २. श्रीकृष्ण के गुरु का नाम। ३. कामदेव के पाँच बाणों में से एक। वि० उदीप्त करने वाला। |
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संदीपनी :
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स्त्री० [सं० संदीपन—ङीप्] संगीत में पंचम स्वर की चार श्रतियों में से तीसरी श्रुति। वि० संदीपन या उद्दीपन करनेवाली। |
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संदीपित :
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भू० कृ०=संदीप्त। |
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संदीप्त :
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भू० कृ० [सं०] [भाव० संदीप्त] १. जिसका भली-भाँति संदीपन या उद्दीपन हुआ हो। २. जलता हुआ। प्रज्वलित। ३. खूब चमकता हुआ प्रकाशमान्। |
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संदीप्य :
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पुं० [सं० सं√दीप् (प्रदीप्त करना)+श—यक्] मयूर शिखा नामक वृक्ष। वि० जिसका संदीपन हो सके या होने को हो। संदीपनीय। |
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