शब्द का अर्थ
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सरन :
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स्त्री०=शरण।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सरन-दीप :
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पुं० [सं० स्वर्ण द्वीप या सिहंल द्वीप] उर्दू साहित्य में लंका द्वीप का पुराना नाम जो अरब वालों में प्रसिद्ध था। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सरना :
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अ० [सं० सरण=चलना, सरकना] १. सरकना। खिसकना। २. हिलना-डोलना। ३. कार्य आदि का निर्वाह होना। पूरा होना। जैसे—ब्याह का काम सरना। ४. उपयोग में आना। उदाहरण—हाथ वही, उन गात सरै।—रसखान। ५. शक्ति या सामर्थ्य के अनुसार होना। जैसे—जितना हमसे सरेगा, उतना हम भी दे देंगे। ६. परस्पर सदभाव बना रहना। निभना। पटना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सरनाई :
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स्त्री० [सं० सरणागति] किसी की विशेषतः ईश्वर की शरण में जाने की अवस्था या भाव। शरणागति।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सरनापन्न :
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वि०=शरणापन्न।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सरनाम :
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वि० [फा०] [भाव० सरनामी] जिसका नाम हो। प्रसिद्ध। मशहूर। विख्यात। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सरनामा :
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पुं० [फा०] १. किसी लेख या विषय का निर्देश जो ऊपर लिखा रहता है। शीर्षक। २. चिट्ठी पत्री आदि के आरम्भ में सम्बोधन के रूप में लिखा जानेवाला पद। ३. भेजे जानेवाले पत्रों आदि पर लिखा जानेवाला पता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सरनी :
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स्त्री०=सरणी (मार्ग)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |