शब्द का अर्थ
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सिंग :
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पुं०=१. =श्रृंग। २. =सींग।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सिंगड़ा :
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पुं० [सं० श्रृंग०+ड़ा (प्रत्य०)] [स्त्री० अल्पा० सिंगड़ी] सींग की वह नली जिसमें सैनिक लोग बारूद रखते थे। |
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सिंगरफ :
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पुं०=शिंगरफ (ईंगुर)। |
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समानार्थी शब्द-
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सिंगरी :
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स्त्री०=सिंगी (मछली)। |
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समानार्थी शब्द-
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सिंगल :
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स्त्री० [देश०] एक प्रकार की मछली। पुं० दे० ’सिंगनल’।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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सिंगा :
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पुं० [हिं० सींग] सींग के आकार का बाजा जिसे फूँककर बजाते हैं । |
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समानार्थी शब्द-
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सिंगार :
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पुं०=श्रृंगार।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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सिंगारदान :
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पुं० [हिं० सिंगार+सं० आधान या फा० दान (प्रत्य)] श्रृंगार की सामग्री रखने का छोटा संदूक। |
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सिंगारना :
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सं० [हिं० सिंगार+ना (प्रत्य०)] श्रृंगार करना। प्रसाधन सामग्री तथा आभूषणों से अपने को या किसी को सजाना। |
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सिंगारहाट :
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पुं० [सं० श्रृंगारहाट्ट] वह बाजार जिसमें वेश्याएँ रहती हों। चकला। |
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सिंगारहार :
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पुं० [सं० हारश्रृंगार] १. हासिंगार नामक वृक्ष। परजाता। २. उक्त के फूल। |
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सिंगारिया :
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पुं० [हिं० सिंगार+इया (प्रत्य०)] १. श्रृंगार करने वाला। २. वह पुजारी जो देव मूर्तियों का श्रृंगार करता हो। |
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सिंगारी :
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वि० [हिं० सिंगार+ई (प्रत्य)] सिंगार संबंधी। पुं०=सिंगारिया। |
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सिंगाल :
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पुं० [देश०] एक प्रकार का पहाड़ी बकरा जो कुमायूँ से नैपाल तक पाया जाता है। |
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सिंगाला :
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वि० [हिं० सींग+वाला (प्रत्य०)] [स्त्री० सिंगाली] सींगवाला (जन्तु)। |
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सिंगिया :
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पुं० [सं० श्रृंगिक] एक प्रसिद्ध विष जो एक पौधे की जड़ है। |
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सिंगी :
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स्त्री० [हिं० सींग] १. सींग का बना हुआ एक प्रकार का बाजा जो मुँह से फूँककर बजाया जाता है। तुरही। २. सींग की तरह वह नली जिससे जरार्ह लोग फसद लगाते अर्थात शरीर का दूषित रक्त चूसकर निकालते हैं। क्रि० प्र०—लगाना। ३. बरसाती पानी में होने वाली एक प्रकार की मछली। ४. सींग के आकार का घोड़ो का एक अशुभ लक्षण। |
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सिंगी-मोहरा :
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पुं० [हिं० सिंगी+मुहरा] सिंगिया (विष)। |
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सिंगौटी :
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स्त्री० [हिं० सींग+औटी (प्रत्य)] १. बैल के सींग पर पहनाने का एक आभूषण। २. सींग का बना हुआ घोटना जिससे चमक लाने के लिये कपड़े आदि घोटे जाते हैं। ३. सींग को खोखला करके बनाया हुआ एक प्रकार का पात्र जिसमें घी, तेल आदि रखते थे। ४. जंगलों में मरे हुए जानवरो के सींग। स्त्री० [हिं० सिंगार+औटी (प्रत्य)] वह पिटारी जिसमें स्त्रियाँ श्रृंगार का सामग्री रखती हैं। |
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