शब्द का अर्थ
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सुन्न :
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वि० [सं० शून्य] १. जिसमें कुछ न हो। शून्य। २. शरीर का अंग जिसमें रक्त का संचार बिलकुल शून्य होने के फल-स्वरूप स्पंदनहीनता हो। स्पंदनहीन। ३. शीत अथवा विशिष्ट उपचार के फलस्वरूप किसी अंग का संज्ञाहीन होना। जैसे–आपरेशन से पहले उनका हाथ सुन्न कर लिया गया था। ४. व्यक्ति के संबंध में, स्तब्ध और किंकर्तव्य-विमूढ़। जैसे–मित्र की मृत्यु का समाचार सुनते ही वह सुन्न हो गया। क्रि० प्र०–होना। |
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समानार्थी शब्द-
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सुन्नत :
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स्त्री० [अ०] [वि० सुन्नती] लिंगेन्द्रिय के अगले भाग का चमडा़ काटन् की कुछ धर्मों की प्रथा जिसे मुसलमानों में मुसलमानी और सुन्नत कहते हैं। खतना। (सरकमसीजन) |
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सुन्नती :
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वि० [हिं० सुन्नत] जिसकी सुन्नत हुई हो। पुं० मुसलमान। |
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सुन्नर :
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वि०=सुंदर।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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सुन्नसान :
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वि०=सुनसान। |
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सुन्ना :
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पुं० [सं० शून्य] बिंदी। सिफर। जैसे-एक (१) पर सुन्ना (०) लगाने से दस (१॰) होता है। स०=सुनना। |
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सुन्नी :
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पुं० [अ०] मुसलमानों का एक वर्ग या संप्रदाय जो चारों खलीफाओं को प्रधान मानता है। चार-पारी। |
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सुन्नैया :
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वि०=सुनवैया।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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