शब्द का अर्थ
|
सुमेर :
|
पुं० [सं० सुमेरु] १. गंगाजल रखने का बड़ा पात्र। २. दे० ‘सुमेरु’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सुमेर :
|
पुं० [सं०] १. एक कल्पित पर्वत जो पुराणों में सब पर्वतों का राजा और सोने का कहा गया है। कहते हैं कि अस्त होने पर सूर्य इसी की औट में हो जाता है। २. जप करने की माला में सबके ऊपर वाला अपेक्षाकृत कुछ बड़ा दाना। ३. उत्तरी ध्रुव। (नार्थ पोल) ४. दक्षिणी इराक का पुराना नाम। ५. पिंगल में एक प्रकार का छन्द जिसके प्रत्येक चरण में १९ मात्राएँ होती हैं। अंत में यगण होता है, १२ मात्राओं पर यति होती है, तथा पहली आठवीं और पन्द्रहवीं मात्राओं का लघु होना आवश्यक होता है। ६. शिव। वि० १. सबसे अच्छा। सर्वश्रेष्ठ। २. बहुत अधिक ऊँचा। ३. बहुत सुन्दर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सुमेरु-ज्योति :
|
स्त्री० [सं०] सुमेरु अर्थात उत्तरी ध्रुव के आस-पास के क्षेत्रों में कभी-कभी रात के समय दिखाई पड़नेवाली एक विशेष ज्योति या विद्युत् का प्रकाश। ‘कुमेरु ज्योति’ का विपर्याय। (आरोरा बोरियालिस) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सुमेरु-वृत्त :
|
पुं० [सं०] वह रेखा जो उत्तर ध्रुव से २३।। अक्षांस पर स्थित है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सुमेरु-समुद्र :
|
पुं० [सं०] उत्तर महासागर का एक नाम। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सुमेरुजा :
|
स्त्री० [सं०] सुमेरु पर्वत से निकली हुई नदी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |