शब्द का अर्थ
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सेम :
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स्त्री० [सं० शिंबी] एक प्रकार की फली, जिसकी तरकारी खाई जाती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सेम का गोंद :
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पुं० [हिं०] एक प्रकार के कचनार का गोंद, जो इंद्रिय जुलाब और स्त्रियों का रुका हुआ रज खोलने के लिए उपयोगी माना जाता है। |
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सेमई :
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पुं० [हिं० सेम] सेम की तरह का हल्का सब्ज रंग। वि० उक्त प्रकार के रंग का। स्त्री०=सेवई।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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सेमंतिका :
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स्त्री०=सेमंती। |
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सेमंती :
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स्त्री० [सं०] सफेद गुलाब का फूल। सेवती। |
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सेमर :
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पुं० [देश०] दलदली जमीन।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) पुं० =सेमल।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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सेमल :
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पुं० [सं० शाल्मलि] १. एक बहुत बड़ा पेड़, जिसके फल में से एक प्रकार की रुई निकलती है। २. उक्त वृक्ष के फल की रुई, जो रेशम की तरह चिकनी और मुलायम होती है। (सिल्क—कॉटन) पद–सेमल का सूआ=व्यर्थ का काम या परिश्रम करके उसके बुरे परिणाम से दुःखी होने और पछतानेवाला। (सेमल के बीज में चोंच मारनेवाले तोते के दृष्टांत पर) उदा०–कतहूँ सुवा होत सेमर कौ, अंतहि कपट न बचिवो।–सूर। |
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सेमल—मूसला :
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पुं० [सं० शाल्मलि—मूल] सेमल की जड़। |
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सेमा :
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पुं० [हिं० सेम] बड़ी सेम। |
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सेमार :
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पुं० =सिवार।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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सेमिटिक :
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पुं० [अं०] दे० ‘सामी’ (साम का देश)। |
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