शब्द का अर्थ
|
स्राव :
|
पुं० [सं०] १. जीव–जंतुओं और पेड़–पौधों के भीतरी अंगों से निकलनेवाला वह तरल पदार्थ या रस, जो विशेष उद्देश्य सिद्ध करता है (सीक्रेशन)। २. गर्भपात। गर्भस्राव। ३. वृक्षों आदि का निर्यास। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
स्रावक :
|
वि० [सं०] [स्त्री० स्राविका] १. चुआनेवाला। २. बहाने या निकालनेवाला। पुं० काली (गोल)। मिर्च। पुं० =श्रावक।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
स्रावकत्व :
|
पुं० [सं०] पदार्थों का वह गुण या धर्म जिसके कारण कोई अन्य पदार्थ उनमें से होकर निकल या रस जाता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
स्रावगी :
|
पुं० =सरावगी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
स्रावण :
|
पुं० [सं०] [वि० स्रावित] १. बहा या चुआकर निकालना। २. दे० अभिस्रावण। वि० [सं०]=स्रावक। पुं०=श्रावण।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
स्रावणी :
|
स्त्री० [सं०] ऋद्धि नामक अष्टवर्गीय औषध। स्त्री०=श्रावणी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
स्रावित :
|
भू० कृ० [सं०] स्राव के रूप में चुआया या निकाला हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
स्रावी(विन्) :
|
वि० [सं०] १,.चुआनेवाला। २. बहानेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
स्राव्य :
|
वि० [सं०] जो चुआया,टपकाया या बहाया जा सके। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |