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लेखक:

अमृतलाल नागर

जन्म - 17 अगस्त 1916, गोकुलपुरा, आगरा, उत्तर प्रदेश।

विधाएँ - कहानी, उपन्यास, नाटक, रिपोर्ताज, निबंध, संस्मरण, व्यंग्य, बाल साहित्य, अनुवाद, संपादन।

निधन - 23 फरवरी, 1990।

 

अमृतलाल नागर का जन्म 17 अगस्त 1916 ई. को आगरा (उ.प्र.) में हुआ। आपके पिता का नाम राजाराम नागर था। नागर जी का निधन 1990 ई. में हुआ। आपने इण्टरमीडिएट तक शिक्षा ग्रहण की। नागर जी की भाषा - सहज, सरल दृश्य के अनुकूल है। मुहावरों, लोकोक्तियों, विदेशी तथा देशज शब्दों का प्रयोग आवश्यकतानुसार किया गया है। भावात्मक, वर्णनात्मक, शब्द चित्रात्मक शैली का प्रयोग इनकी रचनाओं में हुआ है।

रचनाएँ

उपन्यास : महाकाल (1947) (1970 से ‘भूख’ शीर्षक प्रकाशित), बूँद और समुद्र (1956), शतरंज के मोहरे (1959), सुहाग के नुपूर (1960), अमृत और विष (1966), सात घूँघट वाला मुखड़ा (1968), एकदा नैमिषारण्ये् (1972), मानस का हंस (1973), नाच्यौ5 बहुत गोपाल (1978), खंजन नयन (1981), बिखरे तिनके (1982), अग्निगर्भा (1983), करवट (1985), पीढ़ियाँ (1990)।

कहानी संग्रह : वाटिका (1935), अवशेष (1937), तुलाराम शास्त्री (1941), आदमी, नही! नही! (1947), पाँचवा दस्ताग (1948), एक दिल हजार दास्ताँ (1955), एटम बम (1956), पीपल की परी (1963), कालदंड की चोरी (1963), मेरी प्रिय कहानियाँ (1970), पाँचवा दस्ता् और सात कहानियाँ (1970), भारत पुत्र नौरंगीलाल (1972), सिकंदर हार गया (1982), एक दिल हजार अफसाने (1986 - लगभग सभी कहानियों का संकलन)। नाटक : युगावतार (1956, बात की बात (1974), चंदन वन (1974), चक्कसरदार सीढ़ियाँ और अँधेरा (1977), उतार चढ़ाव (1977), नुक्क9ड़ पर (1981), चढ़त न दूजो रंग (1982)।

व्यंग्य : नवाबी मसनद (1939), सेठ बाँकेमल (1944), कृपया दाएँ चलिए (1973), हम फिदाये लखनऊ (1973), मेरी श्रेष्ठ1 व्यं ग्या रचनाएँ (1985), चकल्ल9स (1986) : उपलब्ध4 स्फुनट हास्यँ-व्यंसग्य रचनाओं का संकलन।

अन्य कृतियाँ : गदर के फूल (1957 - 1857 की इतिहास-प्रसिद्ध क्रांति के संबंध में महत्त्वपूर्ण सर्वेक्षण), ये कोठेवालियाँ (1960 - वेश्याृओं की समस्यार पर एक मौलिक एवं अनूठा सामाजिक सर्वेक्षण), जिनके साथ जिया (1973 - साहित्यीकारों के संस्म5रण), चैतन्य8 महाप्रभु (1978 - आत्म परक लेखों का संकलन), टुकड़े-टुकड़े दास्ता न (1986 - आत्मोपरक लेखों का संकलन), साहित्यत और संस्कृदति (1986 - साहित्यिक एवं ललित निबंधों का संकलन), अमृत मंथन (1991 - अमृतलाल नागर के साक्षात्काहर, संपादक : डॉ. शरद नागर एवं डॉ. आनंद प्रकाश त्रिपाठी), अमृतलाल नागर रचनावली (संपादक : डॉ. शरद नागर, 12 खंडों में, 1992), फिल्मरक्षेत्रे रंगक्षेत्रे (2003 - नागरजी के फिल्मी, रंगमंच तथा रेडियो नाटक संबंधी लेखों का संकलन), अत्र कुशलं, तत्रास्तुं (2004 - नागरजी एवं रामविलास शर्मा के व्यनक्तिगत पत्राचार का संग्रह)।

बाल साहित्य् : नटखट चाची (1941), निंदिया आजा (1950), बजरंगी नौरंगी (1969), बजरंगी पहलवान (1969), बाल महाभारत (1971), इतिहास झरोखे (1970), बजरंग स्मडगलरों के फंदे में (1972), हमारे युग निर्माता (1982), छ: युग निर्माता (1982), अक्ल बड़ी या भैंस (1982), आओ बच्चोंं नाटक लिखें (1988), सतखंडी हवेली का मालिक (1990), फूलों की घाटी (1997), बाल दिवस की रेल (1997), सात भाई चंपा (1998), इकलौता लाल (2001), साझा (2001), सोमू का जन्मफदिन (2001), शांति निकेतन के संत का बचपन (2001), त्रिलोक विजय (2001)।

अनुवाद : बिसाती (1935 - मोपासाँ की कहानियाँ), प्रेम की प्याकस (1937 - गुस्तामव फ्लाबेर के उपन्या स ‘मादाम बोवरी’ का संक्षिप्तअ भावानुवाद), काला पुरोहित (1939 - एंटन चेखव की कहानियाँ), आँखों देखा गदर (1948 - विष्णुम भट्ट गोडसे की मराठी पुस्ताक ‘माझा प्रवास’ का अनुवाद), 5. दो फक्‍कड़ (1955 - कन्हैकयालाल माणिकलाल मुन्शीू की तीन गुजराती नाटक), सारस्वबत (1956 - मामा वरेरकर के मराठी नाटक का अनुवाद)।

संपादन : सुनीति (1934), सिनेमा समाचार (1935-36), अल्लाकह दे (20 दिसंबर, 1937 से 3 जनवरी 1938, साप्ता्हिक), चकल्लास (फरवरी, 1938 से 3 अक्टू बर, 1938, साप्ता5हिक), नया साहित्य (1945), सनीचर (1949), प्रसाद (1953-54)। अन्य - 1940 से 1947 तक फिल्म सेनेरियो का लेखन कार्य किया। 1953 से 1956 तक आकाशवाणी लखनऊ में ड्रामा प्रोड्यूसर रहे।

सम्मान : ‘बूँद और समुद्र’ पर काशी नागरी प्रचारिणी सभा का विक्रम संवत 2015 से 2018 तक का बटुक प्रसाद पुरस्का्र एवं सुधाकर पदक, ‘सुहाग के नूपुर’ पर उत्तरप्रदेश शासन का वर्ष 1962-63 का प्रेमचंद पुरस्का6र, ‘अमृत और विष’ पर वर्ष 1970 का सेवियत लैंड नेहरू पुरस्का र, वर्ष 1967 का ‘अमृत और विष’ पर साहित्यप अकादेमी पुरस्काकर, ‘मानस का हंस’ पर मध्यप प्रदेश शासन साहित्यद परिषद का वर्ष 1972 का अखिल भारतीय वीरसिंह देव पुरस्का र, ‘मानस का हंस’ पर उत्तर प्रदेश शासन का वर्ष 1973-74 का राज्य’ साहित्यिक पुरस्काुर, हिंदी रंगमंच की विशिष्ट सेवा हेतु सन 1970-71 का उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्काार, ‘खंजन नयन’ पर भारतीय भाषा, कलकत्ता (कोलकाता) का वर्ष 1984 का नथमल भुवालका पुरस्कारर, वर्ष 1985 का उ.प्र. हिंदी संस्था’न का सर्वोच्च भारत भारती सम्माान (22 दिसंबर, 1989 को प्रदत्त), हिंदी साहित्या सम्मे्लन, प्रयाग द्वारा साहित्य‘ वाचस्पसति उपाधि से विभूषित।

सुधियाँ कुछ अपनी, कुछ अपनों की

अमृतलाल नगर

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आत्मकथा के सम्बन्ध में नगर जी का मत था कि ‘उसे कोरी अहम्-कथा बनाकर लिखने से बेहतर है न लिखना।   आगे...

सुहाग के नूपुर

अमृतलाल नागर

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महाकवि इलंगोवन रचित तमिल महाकाव्य ‘शिलप्पदिकारम्’ की कथावस्तु पर आधारित पहली हिन्दी कृति...   आगे...

सेठ बांकेमल

अमृतलाल नागर

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चुटीले व्यंग्य और विनोदी लहजे की अप्रतिम रचना...

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सोमू का जन्मदिन

अमृत लाल नागर

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हम फ़िदा ए लखनऊ

अमृतलाल नागर

मूल्य: $ 10.95

जीवन भर लखनऊ में रहने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार अमृतलाल नागर की ये कहानियाँ मनोरंजन के साथ लखनऊ के जनजीवन के हर पहलू को उजागर करती हैं।

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