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लेखक:

हृषीकेश सुलभ

कथाकार, नाटककार, रंग-समीक्षक हृषीकेश सुलभ का जन्म 15 फरवरी, 1955 को बिहार के छपरा (अब सीवान) जनपद के लहेजी नामक गाँव में हुआ। आरम्भिक शिक्षा गाँव में हुई और अपने गाँव के रंगमंच से ही आपने रंग-संस्कार ग्रहण किया। आपकी कहानियाँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित और अंग्रेज़ी सहित विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं।

आप रंगमंच से गहरे जुड़ाव के कारण कथा-लेखन के साथ-साथ नाट्य-लेखन की ओर उन्मुख हुए और भिखारी ठाकुर की प्रसिद्ध नाट्यशैली बिदेसिया की रंगयुक्तियों का आधुनिक हिन्दी रंगमंच के लिए पहली बार अपने नाट्यालेखों में सृजनात्मक प्रयोग किया। विगत कुछ वर्षों से आप कथादेश मासिक में रंगमंच पर नियमित लेखन कर रहे हैं।

आपकी प्रकाशित कृतियाँ हैं : तूती की आवाज़ (पथरकट, वधस्थल से छलाँग और बँधा है काल एक जिल्द में शामिल), हलन्त, वसंत के हत्यारे (कहानी-संग्रह); प्रतिनिधि कहानियाँ (चयन); अमली, बटोही, धरती आबा (नाटक); माटीगाड़ी (शूद्रक रचित मृच्छकटिकम् की पुनर्रचना), मैला आँचल (फणीश्वरनाथ रेणु के उपन्यास का नाट्यान्तर), दालिया (रवीन्द्रनाथ टैगोर की कहानी पर आधारित नाटक); रंगमंच का जनतंत्र और रंग-अरंग (नाट्य-चिन्तन)।

रंगमंच का जनतंत्र

हृषीकेश सुलभ

मूल्य: $ 15.95

"हिंदी यथार्थवाद के बदलते दृष्टिकोण से मानव अस्तित्व और भावनाओं की गहराईयों की खोज।"

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वसंत के हत्यारे

हृषीकेश सुलभ

मूल्य: $ 12.95

"यथार्थ की गहराईयों में संवेदनाओं और भविष्य के संकेतों का कलात्मक अन्वेषण।"

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संगरंग

हृषीकेश सुलभ

मूल्य: $ 12.95

"अभिनय के पर्दे के पीछे के अनकहे संघर्षों और गहरी अन्तर्यात्राओं की ईमानदार झलक।"

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हलंत

हृषीकेश सुलभ

मूल्य: $ 11.95

"हिंदी यथार्थवाद के बदलते दृष्टिकोण से जीवन और भावनाओं की गहराईयों की खोज।"

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12   14 पुस्तकें हैं|