लेखक:
एम मुकुंदन
मलयालम् कथासाहित्य में आधुनिकता के अग्रदूत एम. मुकुंदन (जन्म : 1942 ई.) ने फ्रांसीसी भाषा और साहित्य में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और पेरिस से सांस्कृतिक प्रबंधन में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। बीस साल की उम्र में अपनी पहली कहानी प्रकाशित हुई और उसके बाद से अब तक कहानी, उपन्यास और निबंध विधाओं में आपकी दो दर्जन से अधिक कृतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें प्रमुख हैं वीड, हृदयवतियाया पेणकुट्टी कन्नाडियुडे कषचा (कहानी-संग्रह), ई-लोकम, अतिलोरु मनुष्यन मय्यषिपुषयुडे तीरंगलिल, ओरु दलित युवतियुडे कदन कथा, नृत्तम (उपन्यास) और एन्दान आधुनिकता (निबन्ध-संग्रह)। आपको केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार (दो बार), विश्वदीपम पुरस्कार, एन.बी. कृष्णन् वारियर पुरस्कार, क्रॉसवर्ड पुरस्कार, मलयाट्टर पुरस्कार, पद्मराजन पुरस्कार और फ्रांस सरकार के शैवेलियर सम्मान सहित अनेक पुरस्कार-सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। आपकी कृतियाँ अनेक भारतीय भाषाओं और फ्रांसीसी में अनूदित होकर प्रकाशित एवं प्रशंसित हुई हैं। भारत स्थित फ्रांसीसी दूतावास से उपसांस्कृतिक अटैची के पद से सेवानिवृत्ति के पश्चात् संप्रति आप स्वतंत्र रूप से लेखनरत हैं। |
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ईश्वर की शरारतेंएम मुकुंदन
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