लेखक:
निर्मल वर्मा
जन्म :- 3 अप्रैल, 1929।
शिक्षा :- सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली से इतिहास में एम.ए.। कुछ वर्ष अध्यापन। निर्मल वर्मा का जन्म 1929 को शिमला में हुआ। उनकी संवेदनात्मक बुनावट पर उस पहाड़ी शहर की छायाएँ दूर तक पहचानी जा सकती हैं। बचपन के एकाकी क्षणों का यह अनुभव जहाँ निर्मल वर्मा के लेखन में एक सतत तन्द्रावस्था रचता है, वहीं उन्हें मनुष्य के मनुष्य से, और स्वयं अपने से अलगाव की प्रक्रिया पर गहन पकड़ देता है। सन् 1956 में ‘परिन्दे’ कहानी के प्रकाशन के बाद से नयी कहानी के इस निर्विवाद प्रणेता का सबसे महत्त्वपूर्ण, साठ का दशक, विदेश-प्रवास में बीता। 1959 में प्राग, चेकोस्लोवाकिया के प्राच्य विद्या संस्थान और चेकोस्लोवाक लेखक संध द्वारा आमंत्रित। सात वर्ष चेकोस्लोवाकिया में रहे और कई चेक कथाकृतियों के अनुवाद किए। कुछ वर्ष लन्दन में यूरोप-प्रवास के दौरान टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए वहां की सांस्कृतिक-राजनीतिक समस्याओं पर लेख और रिपोतार्ज लिखे। ‘माया दर्पण’ कहानी पर फिल्म बनी, जिसे 1973 का सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फिल्म पुरस्कार प्राप्त हुआ। निराला सृजनपीठ, भोपाल (1981-83) और यशपाल सृजनपीठ, शिमला, (1989) के अध्यक्ष। 1988 में इंग्लैंड के प्रकाशक रीडर्स इंटरनेशनल द्वारा कहानियों का संग्रह द वर्ल्ड एल्सव्हेयर प्रकाशित। पुरस्कार/सम्मान :- कव्वे और काला पानी के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार (1985), सम्पूर्ण कृतित्व के लिए साधना सम्मान (1993), उ.प्र. हिन्दी संस्थान का सर्वोच्च राममनोहर लोहिया अतिविशिष्ट सम्मान (1995), ज्ञानपीठ का मूर्तिदेवी पुरस्कार (1995) तथा ज्ञानपीठ पुरस्कार (2000) सन् 1996 में यूनिवर्सिटी ऑफ ओकलाहोमा, अमेरिका की पत्रिका द वर्ल्ड लिटरेचर के बहुसम्मानित पुरस्कार न्यूश्ताद् अवार्ड के लिए भारत से मनोनीत किए गए। कृतियाँ :- उपन्यास :- वे दिन (1964), लाल टीन की छत (1974), एक चिथड़ा सुख (1979), रात का रिपोर्टर (1989) अन्तिम अरण्य। कहानी-संग्रह :- परिंदे (1959), जलती झाड़ी (1965), पिछली गर्मियों में (1968), बीच बहस में (1973) :- (छुट्टियों के बाद, वीकएंड, दो घर, बीच बहस में।), मेरी प्रिय कहानियाँ (1973) :-(दहलीज़, परिन्दे, अंधेरे में, डेढ़ इंच ऊपर, अन्तर, लन्दन की एक रात, जलती झाड़ी।), प्रतिनिधि कहानियाँ (1988), कव्वे और काला पानी (1983), सूखा तथा अन्य कहानियाँ (1995)।, ग्यारह लम्बी कहानियां :- (परिन्दे, अँधेरे में, लन्दन की एक रात, पिछली गर्मियों में, बीच बहस में, दो घर, दूसरी दुनिया, सुबह की सैर, कव्वे और काला पानी, सूखा, बुख़ार।), दस प्रतिनिधि कहानियाँ। यात्रा संस्मरण/डायरी/पत्र :- चीड़ों पर चाँदनी (1963), हर बारिश में (1970), धुंध से उठती धुन (1997), प्रिय राम, सर्जना पथ के सहयात्री। निबन्ध :- शब्द और स्मृति (1976), कला का जोखिम (1981), ढलान से उतरते हुए (1985), भारत और यूरोप : प्रतिश्रुति के क्षेत्र (1991), इतिहास स्मृति आकांक्षा (1991), शताब्दी के ढलते वर्षों में (1995), आदि, अन्त और आरम्भ, दूसरे शब्दों में। नाटक :- तीन एकान्त (1976)। संचयन :- दूसरी दुनिया (1978) अनुवाद :- कुप्रिन की कहानियाँ (1955), रोमियो जूलियट और अँधेरा (1964), टिकट संग्रह (कारेल चापेक की कहानियाँ) (1966), इतने बड़े धब्बे (1966), झोंपड़ीवाले (1966), बाहर और परे (1967), बचपन (1970), आर यू आर (1972), एमेके एक गाथा (1973)। |
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10 प्रतिनिधि कहानियाँ (निर्मल वर्मा)निर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 200 निर्मल वर्मा की दस प्रतिनिधि कहानियाँ... आगे... |
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अन्तिम अरण्यनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 220 यह प्राचीन भारतीय कथाशैली का एक नया रूपान्तर है। लगभग हर अध्याय अपने में एक स्वतन्त्र कहानी पढ़ने का अनुभव देता है, लेकिन उसका उपन्यास की संरचना में एक अपरिहार्य स्थान है। आगे... |
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आदि, अन्त और आरम्भनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 195 आत्म-उन्मूलन के अन्धकार पर आधारित निबन्ध... आगे... |
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आदि, अन्त और आरम्भनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 230 जब मनुष्य अपना घर छोड़े बिना निर्वासित हो जाता है, अपने ही घर में शरणार्थी की तरह रहने के लिए अभिशप्त हो जाते है. आगे... |
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आलेस्या तथा अन्य कहानियाँनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 425 आलेस्या तथा अन्य कहानियाँ आगे... |
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एक चिथड़ा सुखनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 250 निर्मल वर्मा के रचना-जगत की अपनी विशिष्ट पवित्रता है जिसका आधार है व्यक्ति की पवित्रता-अभिशप्त किन्तु गरिमामय... आगे... |
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कला का जोखिमनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 195
प्रस्तुत है वैयक्तिक निबंध... आगे... |
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कव्वे और काला पानीनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 180 निर्मल वर्मा के भाव-बोध में एक खुलापन निश्चय ही है-न केवल ‘रिश्तों की लहूलुहान पीड़ा’ के प्रति, बल्कि मनुष्य के उस अनुभव और उस वृत्ति के प्रति भी, जो उसे ‘जिन्दगी के मतलब की खोज’ में प्रवृत्त करती है आगे... |
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ग्यारह लम्बी कहानियाँनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 330 हिन्दी के यशस्वी कथाकार निर्मल वर्मा की ग्यारह लम्बी कहानियों का संग्रह। निर्मल जी की कहानियाँ अक्सर सोचती हुई सी ( रिफ्लेक्टिव) कहानियाँ होती हैं। आगे... |
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चीड़ों पर चाँदनीनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 250
प्रस्तुत है निर्मल वर्मा का यात्रा वृत्तान्त आगे... |
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चीड़ों पर चाँदनी यात्रा-संस्मरणनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 200 निर्मल वर्मा के गद्य में कहानी, निबन्ध, यात्रा-वृत्त और डायरी की समस्त विधाएँ अपना अलगाव छोड़कर अपनी चिन्तन-क्षमता और सृजन-प्रक्रिया में समरस हो जाती हैं... आगे... |
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जलती झाड़ीनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 170 निर्मल वर्मा की कहानियाँ हमारे भीतर खुलती हैं। ये कैसे खुलती हैं भीतर ? शायद इस तरह कि वे हमें भीतर जाने को कहती हैं आगे... |
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झोंपडी वाले और अन्य कहानियाँनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 250 झोंपडी वाले और अन्य कहानियाँ आगे... |
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टिकट संग्रहनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 175
प्रस्तुत है कारेल चापेक की कहानियाँ.... आगे... |
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टिकट-संग्रहनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 325 टिकट-संग्रह आगे... |
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ढलान से उतरते हुएनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 165 निर्मल वर्मा के निबन्धों की सार्थकता इस बात में है कि वे सत्य को पाने की सम्भावनाओं के नष्ट होने के कारणों का विश्लेषण करते हुए उन्हें पुनः मूर्त करने के लिए हमें प्रेरित करते हैं. आगे... |
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तीन एकांतनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 295
निर्मल वर्मा की तीन कहानियाँ ‘धूप का एक टुकड़ा’, ‘डेढ़ इंच ऊपर’ और ‘वीकएंड’। आगे... |
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दूसरी दुनियानिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 395
निर्मल वर्मा का आत्मीय संचयन... आगे... |
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दूसरे शब्दों मेंनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 200 प्रस्तुत है विचार चिन्तन निबन्ध...... आगे... |
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धुंध से उठती धुननिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 250
प्रस्तुत है यात्रा-संस्मरण आगे... |
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परिन्देनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 140 निर्मल वर्मा की कहानियों के प्रभाव के पीछे जीवन की गहरी समझ और कला का कठोर अनुशासन है। बारीकियाँ दिखाई नहीं पड़ती हैं तो प्रभाव की तीव्रता के कारण... आगे... |
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प्रिय रामनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 130 प्रस्तुत है रामकुमार वर्मा के नाम लिखे गये पत्र आगे... |
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बाहर और परेनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 300 बाहर और परे आगे... |
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बीच बहस मेंनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 150
प्रस्तुत है श्रेष्ठ कहानी संग्रह आगे... |
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बीच बहस मेंनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 150 निर्मल वर्मा की कहानियों के पात्र एक दूसरे को भीतर से समझते हैं, इसलिए उनमें आपस में कोई विरोध या संघर्ष नहीं है. आगे... |
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मेरी प्रिय कहानियाँ (अजिल्द)निर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 110 प्रस्तुत हैं निर्मल वर्मा की प्रिय कहानियों का संग्रह... आगे... |
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मेरी प्रिय कहानियाँ (सजिल्द)निर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 175 प्रस्तुत है निर्मल वर्मा की प्रिय कहानियाँ.... आगे... |
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रत्न-कंगन तथा अन्य कहानियाँनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 425 रत्न-कंगन तथा अन्य कहानियाँ आगे... |
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रात का रिपोर्टरनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 395
वे दिन, लाल टीन की छत और एक चिथड़ा सुख जैसी कालजयी कृतियों के बाद उनका उपन्यास रात का रिपोर्टर सम्भवतः आपातकाल के दिनों को लेकर लिखा गया हिन्दी में पहला उपन्यास है आगे... |
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रात का रिपोर्टरनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 170 वे दिन, लाल टीन की छत और एक चिथड़ा सुख जैसी कालजयी कृतियों के बाद उनका उपन्यास रात का रिपोर्टर सम्भवतः आपातकाल के दिनों को लेकर लिखा गया हिन्दी में पहला उपन्यास है... आगे... |
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लाल टीन की छतनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 300
एक सृजनात्मक यात्रा जो बचपन से किशोरावस्था के रूखे पाट पर बहता हुआ समय... आगे... |
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लाल टीन की छतनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 275 ‘लाल टीन की छत’ उनकी सृजनात्मक यात्रा का एक प्रस्थान बिन्दु है जिसे उन्होंने उम्र के एक ख़ास समय पर फ़ोकस किया है आगे... |
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वे दिननिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 250 इस उपन्यास के पात्र, निर्मलजी के अन्य कथा-चरित्रों की ही तरह सबसे पहले व्यक्ति है, लेकिन मनुष्य के तौर पर वे कहीं भी कम नहीं हैं बल्कि बढ़कर हैं, किसी भी मानवीय समाज के लिए उनकी मौजूदगी अपेक्षित मानी जायगी उनकी पीड़ा और उस पीड़ा को पहचानने, अंगीकार करने की उनकी इच्छा और क्षमता उन्हें हमारे मौजूद असहिष्णु समाज के लिए मूल्यवान बनाती है। आगे... |
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वे दिननिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 210 इतिहास निर्मल वर्मा के कथा-शिल्प में उसी तरह मौजूद रहता है, जैसे हमारे जीवन में-लगातार मौजूद लेकिन अदृश्य... आगे... |
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शताब्दी के ढलते वर्षों मेंनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 315 प्रश्नाकुल अनुभव से जन्मे निर्मल वर्मा के ये निबंध पिछले चार दशकों के दौरान लिखे गए निबंधों और लेखों का स्वयं उनके द्वारा किया गया चयन है आगे... |
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शब्द और स्मृतिनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 100 रोमन खंडहरों या पुराने मुस्लिम मकबरों के बीच घूमते हुए एक अजीब गहरी उदासी घिर आती है आगे... |
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सर्जना पथ के सहयात्रीनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 250
इस पुस्तक में देश के लगभग तमाम महत्त्वपूर्ण रचनाकारों-प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, हजारीप्रसाद द्विवेदी, अज्ञेय, रेणु... इत्यादि पर आलेख आगे... |
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सर्जना-पथ के सहयात्रीनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 175 निर्मल वर्मा निश्चय ही हिन्दी के उन रचनाकारों में आते हैं जिन्होंने अपने साहित्य के माध्यम से अपना आत्मीय, जादुई और निराला संसार रचा है. आगे... |
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साहित्य का आत्म-सत्यनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 200 निर्मलजी के निबन्धों के चिन्तन के केंद्र में मात्र साहित्य ही नहीं है बल्कि, उसमें उत्तर-औपनिवेशिक भारतीय समाज, उसका नैतिक-सांस्कृतिक विघटन और मनुष्य का आध्यात्मिक मूल स्वरूप, भारतीय संस्कृति का बहुकेन्द्रित सत्य आदि महत्त्वपूर्ण सवाल समाहित हैं आगे... |
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सूखा तथा अन्य कहानियाँनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 220 निर्मल वर्मा की कथा में 'पढ़ने' का कोई विकल्प नहीं है; न 'सुनना' न 'देखना', न 'छूना'. वह पढ़ने की शर्तों को कठिन बनती है आगे... |
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हर बारिश मेंनिर्मल वर्मा
मूल्य: Rs. 115 हिन्दी साहित्य के इतिहास में साठ का दशक, निर्मल वर्मा, चेकोस्लोवाकिया और यूरोप --- लगभग अभिन्न हो गए हैं. आगे... |