लेखक:
विवेकी राय
जन्म :- 19 नवम्बर, 1924। |
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अमंगलहारीविवेकी राय
मूल्य: $ 9.95 ‘अमंगलहारी’ को पढ़कर पाठकों को सहज ही लग सकता है कि यह लघु उपन्यास लेखक के पूर्व प्रकाशित विशाल उपन्यास ‘मंगल भवन’ का दूसरा भाग अथवा उससे जुड़ा उपसंहार अंश है। ‘मंगल भवन अमंगलहारी’ वाली चौपाई की अर्द्धाली पूर्ण हो जाती है। आगे... |
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कालातीतविवेकी राय
मूल्य: $ 7.95 भारतीय गाँवों की दुर्दशा को सम्मुख करते हुए व्यवस्था को खोखलेपन को उजागर करती कहानियाँ... आगे... |
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गूँगा जहाजविवेकी राय
मूल्य: $ 8.95 स्वातंत्र्योत्तर गाँवों व ग्रामीण समाज के बदलते रूप का वर्णन आगे... |
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देहरी के पारविवेकी राय
मूल्य: $ 16.95 प्रस्तुत है श्रेष्ठ उपन्यास... आगे... |
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पुरुष पुराणविवेकी राय
मूल्य: $ 6.95 लघु उपन्यास आगे... |
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फिर बैतलवा डाल परविवेकी राय
मूल्य: $ 8.95 फिर बैतलवा डाल पर की रचनाएँ ग्रामीण जीवन की हैं... आगे... |
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मंगल भवनविवेकी राय
मूल्य: $ 29.95 गाँव मेरा आराध्य देव है उसी के सूत्र से ‘मंगल भवन’ में मैंने राष्ट्र-देवता को पकड़ने का प्रयास किया है। आगे... |
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समर शेष हैविवेकी राय
मूल्य: $ 31.95 प्रस्तुत है समर शेष है... आगे... |
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सर्कसविवेकी राय
मूल्य: $ 8.95 प्रस्तुत है सर्कस..... आगे... |