कहानी संग्रह >> भूख तथा अन्य कहानियाँ भूख तथा अन्य कहानियाँसुभाष शर्मा
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"...यह खंडन पढ़-सुनकर ठठाकर हँस रहा है जीवनपुर का बूढ़ा और विशाल पीपल का गाछ---कभी डॉक्टर पर, कभी जिला प्रशासन पर, कभी सूबे की सरकार पर और कभी 'जनसशक्तीकरण' प्रोजेक्ट के स्वयंसेवी गोविन्द भाई पर….
"...यह खंडन पढ़-सुनकर ठठाकर हँस रहा है जीवनपुर का बूढ़ा और विशाल पीपल का गाछ---कभी डॉक्टर पर, कभी जिला प्रशासन पर, कभी सूबे की सरकार पर और कभी 'जनसशक्तीकरण' प्रोजेक्ट के स्वयंसेवी गोविन्द भाई पर। बूढ़े पीपल को लग रहा है कि जिलाधिकारी के खंडन का एक-एक शब्द इन पाँचों के खून से लिखा गया था।
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