कहानी संग्रह >> सुरक्षा तथा अन्य कहानियाँ सुरक्षा तथा अन्य कहानियाँश्रीलाल शुक्ल
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
हिन्दी साहित्य में श्रीलाल शुक्ल का नाम आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। राग दरबारी, सीमाएँ टूटती हैं तथा पहला पड़ाव आदि उपन्यासों और अंगद का पाँव, यहाँ से वहाँ तथा उमरावनगर में कुछ दिन आदि व्यंग्य–संग्रहों के माध्यम से उन्होंने अपने पाठकों के साथ जो तादात्म्य स्थापित किया है, वह हिन्दी साहित्य की एक विरल घटना है। सुरक्षा और अन्य कहानियाँ शुक्लजी की चर्चित कहानियों का महत्त्वपूर्ण संकलन है। सामाजिक सरोकारों से सुगुंफित ये कहानियाँ हमें भावोद्वेलित ही नहीं करतीं, सामाजिक विद्रूपताओं से रू–ब–रू भी कराती हैं। श्रीलाल जी अभी तक उपन्यासकार और व्यंग्यकार के रूप में ही जाने जाते रहे हैं, किन्तु यह कहानी–संग्रह शुक्लजी को एक सशक्त कहानीकार के रूप में भी समादृत करता है।
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