गीता प्रेस, गोरखपुर >> परमार्थ सूत्र संग्रह परमार्थ सूत्र संग्रहजयदयाल गोयन्दका
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इसमें जीवन को ऊँचा उठानेवाली महत्त्वपूर्ण पारमार्थिक बातें सूत्र (सार) रूप से संकलित की गयी है।
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
।।श्रीहरि:।।
निवेदन
‘परमार्थ-सूत्र-संग्रह’ पुस्तक के नाम से स्पष्ट है कि इसमें
जीवन को ऊँचा उठानेवाली महत्त्वपूर्ण परमार्थिर चिन्तन और सरल आध्यात्मिक
विचारों द्वारा समर्पित ब्रह्मलीन परम श्रद्धेय श्रीजयदयालजी गोयन्दका के
कतिपय लेखों और महत्त्वपूर्ण प्रवचनों का सार- सूक्तियों के रूप में इसे
सँजोया हुआ है।
परमार्थिक सूक्तियों को इस संग्रह में शरणागति, श्रद्धा, प्रेम, दया, भक्ति, ज्ञानयोग, कर्मयोग, साधन की बातें, चेतावनी आदि विभिन्न उपयोगी विषयों पर इन्हीं शीर्षकों से कुल बारह अध्याय हैं। उनमें मुख्यत: इन्हीं बिन्दुओं पर मात्र एक पंक्ति के रूप में दृष्टिकोण विचार किया गया है। इस प्रकार पुस्तक की विषय-वस्तु सबके लिये हितकारी और आत्मप्रेरक है। इसके पठन-पाठन से नि:संदेह जीवन-सुधार और उत्तम व्यवहार की शिक्षा, आध्यात्मिक उन्नति सहित भजन-साधनाविशयक पवित्र प्रेरणा मिलती है।
मर्मको छू लेनेवाली इसकी तथ्यपरक (आत्म-सुधारविषयक) बातें काम में लाने से सर्वोपरी पारमार्थिक लाभ ‘आत्मकल्याण’ निश्चित है। अतएव जिज्ञासु सज्जनों, कल्याणकामी महानुभावों और माताओं-बहनों से इस पुस्तक से अधिकाधिक लाभ उठाने की हमारी विनम्र प्रार्थना है।
परमार्थिक सूक्तियों को इस संग्रह में शरणागति, श्रद्धा, प्रेम, दया, भक्ति, ज्ञानयोग, कर्मयोग, साधन की बातें, चेतावनी आदि विभिन्न उपयोगी विषयों पर इन्हीं शीर्षकों से कुल बारह अध्याय हैं। उनमें मुख्यत: इन्हीं बिन्दुओं पर मात्र एक पंक्ति के रूप में दृष्टिकोण विचार किया गया है। इस प्रकार पुस्तक की विषय-वस्तु सबके लिये हितकारी और आत्मप्रेरक है। इसके पठन-पाठन से नि:संदेह जीवन-सुधार और उत्तम व्यवहार की शिक्षा, आध्यात्मिक उन्नति सहित भजन-साधनाविशयक पवित्र प्रेरणा मिलती है।
मर्मको छू लेनेवाली इसकी तथ्यपरक (आत्म-सुधारविषयक) बातें काम में लाने से सर्वोपरी पारमार्थिक लाभ ‘आत्मकल्याण’ निश्चित है। अतएव जिज्ञासु सज्जनों, कल्याणकामी महानुभावों और माताओं-बहनों से इस पुस्तक से अधिकाधिक लाभ उठाने की हमारी विनम्र प्रार्थना है।
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