धर्म एवं दर्शन >> ईश्वर, स्वातन्त्रता और अमरत्व ईश्वर, स्वातन्त्रता और अमरत्वश्याम किशोर सेठनीलिमा मिश्रा
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पुस्तक की विषय-सामग्री दर्शन के विद्यार्थी के साथ-साथ आम-जन के लिये भी रोचक हो सकती है और इसके अध्ययन से संभवत: उनको अपनी कुछ समस्याओं के प्रति एक अंतदृष्टि प्राप्त हो सकेगी
ईश्वर, स्वतंत्रता और अमरत्व 'ज्ञान दर्शन' व 'तर्कशास्त्र—एक आधुनिक परिचय' के बाद लेखकद्वय की यह तीसरी पुस्तक प्रस्तुत है। इसकी विषय-वस्तु तत्वदर्शन या तत्वमीमांसा की कुछ परंपरिक समस्याएँ हैं, जिनकी विशद विवेचना दर्शन के विद्र्यािथयों तथा साधारण जन, दोनों के लिए रुचिकर हो सकती है। लेखकद्वय की यह चेष्टा रही है कि दुरूह व गूढ़ दार्शनिक चिंतन को सहज-सरल ढंग से प्रस्तुत किया जाये। इसीलिये उन्होंने अपनी सभी पुस्तकों का लेखन ऐसी हिन्दी भाषा में किया है। आशा है, यह पुस्तक तत्वदार्शनिक विचारों की सूचना देने के साथ ही मौलिक विचारों को भी प्रोत्साहित करेगी। इस पुस्तक की विषय-सामग्री दर्शन के विद्यार्थी के साथ-साथ आम-जन के लिये भी रोचक हो सकती है और इसके अध्ययन से संभवत: उनको अपनी कुछ समस्याओं के प्रति एक अंतदृष्टि प्राप्त हो सकेगी।
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