उपन्यास >> नई पौध नई पौधनागार्जुन
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नागार्जुन का यह उपन्यास, आकार में लघु होने पर भी, प्रभाव के लिहाज से बड़ा ही व्यापक साबित हुआ है
‘नई पौध’ की कहानी अति सरल है। गाँव के बड़े-बूढ़ों की जिद तोड़कर तरुणों ने एक लड़की के जीवन को चौपट होने से बचा लिया - बे-मेल शादियों की यह समस्या हमारे ग्रामीण समाज में आज भी विकराल रूप में मौजूद है। इस समस्या का विप्लवी समाधान नई पीढ़ी ही दे सकती है... नागार्जुन का यह उपन्यास, आकार में लघु होने पर भी, प्रभाव के लिहाज से बड़ा ही व्यापक साबित हुआ है...प्रकृति की मनोरम पट-भूमि पर कथाकार ने घटनाओं का मोहक ताना-बाना सजाया है। विशिष्ट आलोचकों ने नागार्जुन की इस कथाकृति की भूरि-भूरि सराहना की है और साधारण पाठकों ने भी इसे बेहद पसन्द किया है।
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