जीवनी/आत्मकथा >> सत्य के प्रयोग सत्य के प्रयोगमहात्मा गाँधी
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my experiment with truth का हिन्दी रूपान्तरण (अनुवादक - महाबीरप्रसाद पोद्दार)...
एफिल टॉवर के बारे में दो शब्द कहनाआवश्यक हैं। मैं नहीं जानता कि आज एफिल टॉवर का क्या उपयोग हो रहा हैं। प्रदर्शनी में जाने के बाद प्रदर्शनी सम्बन्धी बाते तो पढने में आती हीथी। उसमें उसकी स्तुति भी पढ़ी और निन्दा भी। मुझे याद हैं कि निन्दा करने वालो में टॉल्स्टॉय मुख्य थे। उन्होंने लिखा था कि एफिल टॉवर मनुष्य कीमूर्खता का चिह्न हैं, उसेक ज्ञान का परिणाम नहीं। अपने लेख में उन्होंने बताया था कि दुनिया में प्रचलित कई तरह के नशों में तम्बाकू का व्यसन एकप्रकार से सबसे ज्यादा खराब हैं। कुकर्म करने की जो हिम्मत मनुष्य में शराब पीने से नहीं आती, वह बीड़ी पीने से आती हैं। शराब पीनेवाला पागल होजाता हैं, जब कि बीडी पीने वाले की अक्ल पर धुँआ छा जाता हैं, और इस कारण वह हवाई किले बनाने लगता है। टॉल्स्टॉय में अपनी यह सम्मति प्रकट की थी किएफिल टॉवर ऐसे ही व्यसन का परिणाम हैं।
एफिल टॉवर में सौन्दर्य तो कुछ हैं ही नहीं। ऐसा नहीँ कर सकते कि उसके कारण प्रदर्शनी की शोभा मेंकोई वृद्धि हुई। एक नई चीज हैं बडी चीज हैं, इस लिए हजारों लोग देखने के लिए उस पर चढे। यह टॉवर प्रदर्शनी का एक खिलौना था। और जब हम मोहवश हैं तबतक हम भी बालक हैं, यह चीज इस टाँवर से भलीभाँति सिद्ध होती हैं। मानना चाहे तो इतनी उपयोगिता उसकी मानी जा सकती हैं।
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