इतिहास और राजनीति >> ताजमहल मन्दिर भवन है ताजमहल मन्दिर भवन हैपुरुषोत्तम नागेश ओक
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पी एन ओक की शोघपूर्ण रचना जिसने इतिहास-जगत में तहलका मचा दिया...
शाहजहाँ ने इसे पूर्णतया उत्तराधिकार में ग्रहण कर कालान्तर में उसमें और बढ़ोतरी की। उसके पास भी चापलूस लेखकों का एक ऐसा समुदाय था जो ऐसे असंख्य असत्यों का, जिससे शाहजहाँ को संसार का अन्यतम स्मरणीय, शासक समझा जा सके, विवरण तैयार कर उसे प्रसन्न करने को लालायित रहता था। यही कारण है कि हमारा इतिहास शाहजहाँ द्वारा आगरा में ताजमहल, दिल्ली में लाल किला और जामा मस्जिद और पुरानी दिल्ली के निर्माण के तोता-मैना जैसे किस्सों से भरा पड़ा है। इतिहास के छात्रों को, उन विद्वानों को जो इतिहास पढ़ाते और लिखते हैं और स्मारकों के दर्शकों को चाहिए कि वे मध्ययुगीन मुसलमानी विवरणों के एक शब्द का भी तब तक विश्वास न करें जब तक कि प्रत्येक विवरण तर्क की कसौटी पर खरा न उतरे और स्वतंत्र प्रमाणों से उसकी पुष्टि न हो जाए। इसलिए हमें ताजमहल के पूर्ववृत्त की सत्यता तक पहुंचने के लिए सावधानी से, सोद्देश्यरचित असंख्य षड्यन्त्रों और निहित-स्वार्थमय रहस्यों का सागर पार करना पड़ा।
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- प्राक्कथन
- पूर्ववृत्त के पुनर्परीक्षण की आवश्यकता
- शाहजहाँ के बादशाहनामे को स्वीकारोक्ति
- टैवर्नियर का साक्ष्य
- औरंगजेब का पत्र तथा सद्य:सम्पन्न उत्खनन
- पीटर मुण्डी का साक्ष्य
- शाहजहाँ-सम्बन्धी गल्पों का ताजा उदाहरण
- एक अन्य भ्रान्त विवरण
- विश्व ज्ञान-कोश के उदाहरण
- बादशाहनामे का विवेचन
- ताजमहल की निर्माण-अवधि
- ताजमहल की लागत
- ताजमहल के आकार-प्रकार का निर्माता कौन?
- ताजमहल का निर्माण हिन्दू वास्तुशिल्प के अनुसार
- शाहजहाँ भावुकता-शून्य था
- शाहजहाँ का शासनकाल न स्वर्णिम न शान्तिमय
- बाबर ताजमहल में रहा था
- मध्ययुगीन मुस्लिम इतिहास का असत्य
- ताज की रानी
- प्राचीन हिन्दू ताजप्रासाद यथावत् विद्यमान
- ताजमहल के आयाम प्रासादिक हैं
- उत्कीर्ण शिला-लेख
- ताजमहल सम्भावित मन्दिर प्रासाद
- प्रख्यात मयूर-सिंहासन हिन्दू कलाकृति
- दन्तकथा की असंगतियाँ
- साक्ष्यों का संतुलन-पत्र
- आनुसंधानिक प्रक्रिया
- कुछ स्पष्टीकरण
- कुछ फोटोग्राफ