इतिहास और राजनीति >> ताजमहल मन्दिर भवन है ताजमहल मन्दिर भवन हैपुरुषोत्तम नागेश ओक
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पी एन ओक की शोघपूर्ण रचना जिसने इतिहास-जगत में तहलका मचा दिया...
यदि मुमताज़ शाहजहाँ की अत्यन्त प्रिय रानी होती तो जैसा कि ताजमहल के मूल निर्माण के सम्बन्ध में काल्पनिक विवरण दिए गए हैं, तो क्या यह सम्भव है कि उसकी मृत्यु-तिथि के सम्बन्ध में इस प्रकार का मतभेद होता? किन्तु जैसा कि हम बाद में बताएंगे, उसकी मृत्यु का शाहजहाँ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा था। वह शाहजहाँ के हरम की अनेक बांदियों में से एक थी। कम-से-कम ४,९९९ में से एक वह भी थी जो शाहजहाँ की कामुकता का शिकार बनने की लालसा करती थी। मुमताज़ शाहजहाँ की हजारों बाँदियों में से एक थी तो उसकी मृत्यु पर कोई विशेष यादगार बनाने की आवश्यकता नहीं थी।
मुमताज़ को मृत्यु-तिथि अज्ञात होने के कारण हम यह समझ पाने में असमर्थ हैं कि किस तिथि से उन छ: महीनों की गणना की जाय जब मुमताज़ का शव बुरहानपुर की कब्र में दफनाया गया। यहाँ तक कि वह 'छ: मास' की अवधि भी सम्भवतया अनुमानित ही है, निश्चित नहीं।
यहाँ तक कि आगरा लाए जाने पर भी, हमें बताया जाता है कि मुमताज़ को अगले वर्ष हिन्दू प्रासाद के गुम्बद के नीचे दफनाया गया। इससे उसके दफनाए जाने की तिथि और भी संदिग्ध हो जाती है।
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