इतिहास और राजनीति >> ताजमहल मन्दिर भवन है ताजमहल मन्दिर भवन हैपुरुषोत्तम नागेश ओक
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पी एन ओक की शोघपूर्ण रचना जिसने इतिहास-जगत में तहलका मचा दिया...
ताजमहल के आकार-प्रकार का निर्माता कौन?
चूँकि ताजमहल एक प्राचीन हिन्दू प्रासाद है, अत: शाहजहाँ के समकालीन किसी डिजाइनर की खोज करना निराशाजनक ही होगा, और ऐसा है भी। अनथक प्रयल द्वारा खोज करने के बाद भी जो कुछ सामने आया है वह बहुत बड़ी संख्या उन नामों की है जो उतने ही भ्रामक हैं और उनमें से कोई भी ऐसा नहीं है जिसे सर्वसम्मत रूपेण यह स्वीकार किया जाय कि आश्चर्यजनक समारक-ताजमहल-का वह डिजाइनर है।
ताजमहल के डिजाइनर का निर्णय करने के लिए जो विभिन्न प्रयल किए गए हैं, यहाँ हम उनका उल्लेख करते हैं।
१. यह विशेष ध्यान देने की बात है कि शाहजहां का दरबारी इतिहास लेखक अब्दुल हमीद लाहौरी किसी प्रकार के किसी वास्तुशिल्पी का उल्लेख नहीं करता। यह स्वाभाविक ही था क्योंकि मुमताज़ के दफनाने का उल्लेख करते हुए वह स्वीकार करता है कि मकबरा हिन्दू प्रासाद है। कोई तैयार भवन जब मकबरे के रूप में प्रयोग किया जाय तो उसके लिए किसी नए वास्तुकार की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसलिए, इस विषय में उसका मौन समीचीन ही है। परवर्ती लेखकों का यह अधिकार नहीं है कि वे राजकीय इतिहास-लेखक की उपेक्षा कर इस दिशा में अपने प्रयत्न कर अपने अनुमान लगाएं।
कीन इस विषय में विशेष ध्यान देता है। वह लिखता है*, "यद्यपि मुल्ला अब्दुल हमीद लाहौरी को शाहजहाँ द्वारा विशेष रूप से यह निर्देश मिला था कि वह बादशाहनामे में ताजमहल का इतिहास लिखे, तदपि डिजाइनर के विषय में उसका मौन विशेष महत्त्व का है।"
* कीन की हैंडबुक, पृष्ठ १५१
२. महाराष्ट्रीय ज्ञान-कोश केवल दो निरीक्षकों*- मकमल खाँ और अब्दुल करीम-तथा कुछ अन्य कारीगरों का उल्लेख करता है। इससे हमारे मत की प्रबल पुष्टि होती है कि प्रासाद को मकबरे में परिवर्तित करने के लिए दो निरीक्षक पर्याप्त थे।
* महाराष्ट्रीय ज्ञान-कोश, भाग १५, पृष्ठ ३५-३६
३. दि एन्साइक्लोपीडिया, ब्रिटेनिका* बड़ी मिठास से यह कहते हुए अस्पष्ट है- "वास्तुकारों की एक परिषद् द्वारा योजना बनाई गई थी, जो अनेक देशों के थे।" इस प्रकार हम देखते हैं कि किस प्रकार समस्त विश्व के विद्वानों ने स्वयं को शाहजहाँई कथानक के सम्मोहन में बंधे रहने दिया और पूर्ववर्ती इतिहासकारों द्वारा ताजमहल के विषय में उल्लिखित तथ्यों का अनुकरण मात्र करके वे स्वयं को सन्तुष्ट करते रहे।
* एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका, भाग २१, पृष्ठ ७५८
४. हम पहले ही देख चुके हैं कि किस प्रकार बनियर को यह कहकर मौन कर दिया गया कि ताजमहल के निर्माता डिजाइनर की शाहजहाँ ने यह सोचकर हत्या करवा दी कि वह किसी अन्य व्यक्ति के लिए वैसा ही भव्य ताजमहल न बना दे। इसके भद्देपन पर हम पहले ही प्रकाश डाल चुके हैं। इससे भी अधिक मान लिया जाय कि डिजाइनर की हत्या करवा दी गई, किन्तु वास्तव में ऐसा कोई डिजाइनर था तो उसका नाम तो जीवित रहना चाहिए। वास्तव में उसकी मृत्यु तो उसके नाम को अमर कर देती।
५. प्रो. बी. पी. सक्सेना के कथानानुसार* "यद्यपि ताजमहल के सौन्दर्य के मूल्यांकन के सम्बन्ध में विभिन्न लेखकों में पर्याप्त मतैक्य-है किन्तु उसकी मौलिकता और कलात्मकता के सम्बन्ध में उतना ही मतभेद है। स्लीमन अपने ग्रन्थ 'रैंबल्स एण्ड रिकलेक्शन्स' में बड़ी गल्प की बात करता है कि इसका डिजाइनर एक फ्रांसीसी इंजीनियर औस्टिन डी बोरडौक्स था और एक प्रकार की विचित्र मूर्खतावश वह उसको उस्ताद ईसा के समकक्ष रखता है। किन्तु ऐतिहासिक घटनाओं में उसकी पुष्टि नहीं होती है। मेनरिक के आधार पर विंसेंट स्मिथ ताजमहल का डिजाइनर जेरोनिमो एरोनियो बताता है, जिसे सर जॉन मार्शल और ई. वी. हाबेल अस्वीकार कर दिया है।'
* हिस्ट्री ऑफ दि शाहजहाँ एट देहली, लेखक बी. पी. सक्सेना।
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