नई पुस्तकें >> लाल किताब लाल किताबकिसनलाल शर्मा
|
0 |
ज्योतिष, हस्तरेखा विज्ञान और सामुद्रिक शास्त्र का अद्भुत समन्वय
यह भविष्य-कथन की चमत्कारी विद्याओं द्वारा दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने वाला अद्भुत ग्रंथ है।
पारंपरिक ज्योतिष थोड़ा जटिल है। इसमें जन्मतिथि, समय तथा गणितीय आकलन का सर्वाधिक महत्व होता है। इसके अभाव में फलकथन नहीं किया जा सकता। लेकिन ‘लाल किताब' जन्मतिथि एवं समय का ज्ञान न होने पर भी मात्र हस्तरेखाओं द्वारा कुण्डली का निर्माण कर भूत, भविष्य और वर्तमान की घटनाओं का उद्घाटन करने में सक्षम है।
‘लाल किताब' वस्तुतः भगवान सूर्य के सारथी अरुण द्वारा लंकापति रावण को दिए गए अद्भुत एवं चमत्कारी ज्ञान का भंडार है, जिसे प्राचीन भारतीय ग्रंथों में ‘अरुण संहिता' के नाम से जाना जाता है। सर्वप्रथम, अरबी-फारसी भाषा में अनूदित की जाने वाली इस ‘लाल किताब' का प्रथम हिंदी रूपांतर अत्यंत सरल भाषा-शैली में आपके समक्ष प्रस्तुत है। यह फलित ज्योतिष, सामुद्रिक तथा हस्तरेखा शास्त्र का अनूठा समन्वय है।
प्रस्तुत ग्रंथ मानव-जीवन के विभिन्न पहलुओं-विवाह, संतान, भवन, यात्रा, धन-दौलत, रोग-व्याधि तथा आयु संबंधी विभिन्न समस्याओं का समाधान करता है। साथ ही सुख-समृद्धि, व्यापार-व्यवसाय एवं धन-संपदा आदि के सरल-सस्ते टोटके और उपाय भी प्रस्तुत करता है। इसके अलावा अनिष्ट ग्रहों का निदान, ग्रहों को अनुकूल बनाने के उपाय, नवग्रहों की शांति तथा सबल और निर्बल ग्रहों के विशेष उपाय भी दिए गए हैं।
उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने में सहायक है-यह उत्कृष्ट पुस्तक।
विषय क्रम
1. लाल किताब के सिद्धान्त 11-27
¤ राशियों के वर्ण ¤ उच्च ग्रह ¤ उच्चग्रही जातकों हेतु निषेध ¤ ग्रहों का जातक के परिवार से संबंध ¤ नीच ग्रह ¤ साथी ग्रह ¤ धर्मी ग्रह ¤ पापी ग्रह ¤ बलवान ग्रह ¤ स्थायी ग्रह ¤ संदिग्ध ग्रह ¤ मित्र ग्रह ¤ पुरुष ग्रह ¤ स्त्री ग्रह ¤ नपुंसक ग्रह ¤ राशियों के स्वामी ग्रह ¤ सुप्त ग्रह ¤ बलिदानी ग्रह ¤ विशेष फलदायी ग्रह ¤ ग्रहों के दिन और घर ¤ जन्मकुंडली का महत्त्व ¤ जन्मकुंडली के नियम ¤ कुंडलियों के प्रकार ¤ नाबालिग-अज्ञात कुंडली ¤ ग्रहों के प्रतीक सिद्धांत ¤ फलादेश निर्देश हेतु जन्मकुंडली ¤ ग्रहों की मैत्री ¤ मजबूत कुंडली ¤ बारह वर्ष तक भाग्य का स्वामी ग्रह ¤ ग्रहों की शत्रु-मित्र मंडली ¤ ग्रह प्रभाव समयावधि चक्र
2. राशियों का ग्रहों से संबंध 28-46
¤ जन्मकुंडली के घर तथा आयु अवस्था ¤ जाग्रत घर एवं ग्रह ¤ द्रष्टा एवं दृश्य ¤ लाल किताब में ग्रह दृष्टि ¤ दृष्टि के प्रकार ¤ दृष्टि तालिका ¤ महादशा का विचार ¤ अकेले अदृष्ट ग्रह का प्रभाव ¤ ग्रहों के खास असर ¤ आयु पर ग्रहों का प्रभाव ¤ वर्षफल के चार चक्र ¤ ग्रहों के संबंधी ¤ राशि-घरों के साथ ग्रहों का संबंध
3. कुंडली में ग्रहों का वास 47-109
¤ सूर्य (भगवान विष्णु) ¤ चंद्र (शिव) ¤ मंगल (हनुमानजी) ¤ बुध (दुर्गा माता) ¤ बृहस्पति (प्रजापति ब्रह्मा) ¤ शुक्र (लक्ष्मी) ¤ शनि (भैरवजी) ¤ राहु (सरस्वतीजी) ¤ केतु (गणेशजी) ¤ किस ग्रह का प्रभाव कब ¤ ग्रहों कr समयावधि ¤ आयु का प्रभाव ¤ ग्रहों का बल ¤ ग्रहों के फलित का प्रतिशत ¤ प्रभाव की अवधि ¤ वर्षफल जन्मकुंडली ¤ किस्मत ¤ योग बन्धन ¤ आलोप अन्तर की लहरें ¤ आरंभ ¤ बुनियाद ¤ अमूमन ¤ संक्षेप में ¤ किस्मत का प्रभाव ¤ भाग्य का ग्रह ¤ भाग्य के ग्रह की तलाश का तरीका ¤ खबरदारी (सावधानियां) ¤ रिहाइशी मकान ¤ आयु सुख ¤ शारीरिक सुख ¤ स्त्री-परिवार के सुख ¤ सन्तान सुख ¤ दत्तक मुकर्रर करना ¤ शादी ¤ शादी का समय ¤ मंदे योग का विचार ¤ वर्षफल के हिसाब से शादी का शुभ समय ¤ स्त्री-सुख कितना ¤ रंग तथा स्वभाव ¤ सन्तान ¤ सन्तान से ग्रहों का सम्बंध ¤ सूर्य ग्रह ¤ चन्द्र ग्रह ¤ मंगल ग्रह ¤ बुध ग्रह ¤ बृहस्पति ग्रह ¤ शुक्र ग्रह ¤ शनि ग्रह ¤ राहु ग्रह ¤ केतु ग्रह ¤ समय संतान ¤ पुत्र सुख
4. हर ग्रह से संबंधित मकान 110-116
¤ सूर्य का मकान ¤ चन्द्र का मकान ¤ मंगल नेक का मकान ¤ मंगल बद का मकान ¤ बुध का मकान ¤ बृहस्पति का मकान ¤ शुक्र का मकान ¤ शनि का मकान ¤ राहु का मकान ¤ केतु का मकान ¤ हर ग्रह से सम्बंधित इन्सान ¤ सूर्य का इन्सान ¤ चन्द्र का इन्सान ¤ मंगल नेक का इन्सान ¤ मंगल बद का इन्सान ¤ बुध का इन्सान ¤ बृहस्पति का इन्सान ¤ शुक्र का इन्सान ¤ शनि का इन्सान ¤ राहु का इन्सान ¤ केतु का इन्सान ¤ ग्रहों के देवता, रंग, रत्न-धातु, जानवर, शरीर के अंगादि
5. द्वादश भावगत ग्रहों का फल 117-270
¤ सूर्य ¤ सूर्य का शुभाशुभ प्रभाव ¤ चंद्रमा ¤ चन्द्रमा का शुभाशुभ प्रभाव ¤ मंगल ¤ मंगल का शुभाशुभ प्रभाव ¤ बुध ¤ बुध का शुभाशुभ प्रभाव ¤ बृहस्पति ¤ बृहस्पति का शुभाशुभ प्रभाव ¤ शुक्र ¤ शुक्र का शुभाशुभ प्रभाव ¤ शनि ¤ शनि का शुभाशुभ प्रभाव ¤ राहु ¤ राहु का शुभाशुभ प्रभाव ¤ केतु ¤ केतु का शुभाशुभ प्रभाव
6. अनिष्ट ग्रहों का निदान 271-278
¤ देवोपासना ¤ संकटकालीन उपाय ¤ विशेष उपाय ¤ संयुक्त ग्रहों के दोषों का निदान ¤ मंदे ग्रहों की पहचान एवं बचाव
7. ज्योतिष शास्त्र के मूल मंत्र 279-281
¤ नक्षत्र ¤ राशि ¤ ब्रह्माण्ड में ग्रहों की स्थिति ¤ दिन. घर. वर्ष एवं ठहराव की अवधि ¤ ग्रहों के वृक्ष, जानवर एवं वस्तुएं ¤ ग्रहों के शत्रु, मित्र एवं सम ग्रह
8. ग्रहों की उपयोगिता 282-285
¤ नीच ग्रहों के उपाय ¤ ग्रह एवं बीमारियां ¤ प्रभावकारी उपाय ¤ ग्रहों के योग से होने वाले रोग
9. ऋण से बंधा जातक 286-292
¤ पितृ ऋण ¤ स्व ऋण ¤ मातृ ऋण ¤ स्त्री ऋण ¤ रिश्तेदारी का ऋण ¤ लड़की-बहन का ऋण ¤ जालिमाना ऋण ¤ अजन्मा ऋण ¤ कुदरती ऋण
10. ग्रहों के खानों का प्रभाव 293-298
¤ आयु चक्र ¤ मृत्यु के लक्षण ¤ अल्पायु योग ¤ ग्रह-खानों एवं उनकी स्थिति का प्रभाव ¤ पहला घर ¤ दूसरा घर ¤ तीसरा घर ¤ चौथा घर ¤ पांचवां घर ¤ छठा घर ¤ सातवां घर ¤ आठवां घर ¤ नौवां घर ¤ दसवां घर ¤ ग्यारहवां घर ¤ बारहवां घर
11. नवग्रहों का मेला 299-304
¤ सूर्य ¤ चंद्र ¤ मंगल (शुभ) ¤ बुध ¤ बृहस्पति ¤ शुक्र ¤ शनि ¤ राहु ¤ केतु
12. ग्रहों के अनुसार वर्षफल 305-312
¤ ग्रहों को इच्छित घरों में पहुंचाना ¤ ग्रहों का फलादेश ¤ ग्रहों के पक्के घर ¤ फलादेश निकालना ¤ जन्म कुंडली के हिसाब से उपाय ¤ बन्दर और बया की कहानी - सूर्य और शनि
13. संयुक्त ग्रहों के परिणाम 313-328
¤ सूर्य ¤ मंगल ¤ बृहस्पति ¤ शुक्र ¤ शनि ¤ तिगड्डे ग्रहों के प्रभाव ¤ बृहस्पति एवं सूर्य के साथ अन्य ग्रह ¤ बृहस्पति एवं चंद्र के साथ अन्य ग्रह ¤ बृहस्पति और शुक्र के साथ अन्य ग्रह ¤ विशेष उपाय ¤ बृहस्पति और मंगल के साथ अन्य ग्रह ¤ बृहस्पति एवं बुध के साथ अन्य ग्रह ¤ बृहस्पति और शनि के साथ अन्य ग्रह ¤ सूर्य एवं चंद्र के साथ अन्य ग्रह ¤ सूर्य और बुध के साथ अन्य ग्रह ¤ विशेष उपाय ¤ सूर्य के साथ दो अन्य ग्रह ¤ चंद्र के साथ दो अन्य ग्रह ¤ विशेष उपाय ¤ मंगल के साथ दो अन्य ग्रह ¤ बुध के साथ दो अन्य ग्रह ¤ विशेष उपाय ¤ राहु या केतु के साथ दो अन्य ग्रह ¤ विशेष उपाय ¤ चौगडडे ग्रहों के फल
14. लाल किताब की दृष्टि में घरों का फल 329-342
¤ बारह घरों का परिचय ¤ पहला घर ¤ दूसरा घर ¤ तीसरा घर ¤ चौथा घर ¤ पांचवां घर ¤ छठा घर ¤ सातवां घर ¤ आठवां घर ¤ नौवां घर ¤ दसवां घर ¤ ग्यारहवां घर ¤ बारहवां घर
15. साझे ग्रहों का असर 343-353
¤ प्रभाव देखने के सिद्धांत ¤ खाना नं. 1-7-11-8, ¤ खाना नं. 2-8-12-6-11, ¤ खाना नं. 3-11-5-9-10, ¤ खाना नं. 4-10-2, ¤ खाना नं. 1-7-9-11, ¤ खाना नं. 3-11-4-7, ¤ खाना नं. 8-2-4-3, ¤ ग्रहों का विशेष प्रभाव ¤ अकेले बैठे ग्रह का प्रभाव
16. संयुक्त ग्रह और आयु 354-359
¤ ग्रहों तथा राशियों की आयु ¤ 12 घरों की आयु ¤ चंद्र स्थित राशि से आयु ¤ मौत का दिन ¤ मृत्यु का अंतिम वर्ष, अंतिम दिन ¤ मृत्यु का समय
17. कुण्डली का ज्ञान 360-372
¤ जन्म-वर्ष ¤ जन्म-मास ¤ जन्म-दिन ¤ पक्ष एवं जन्म तिथि ¤ दिन या राशि ¤ जन्म का प्रहर ज्ञान ¤ जन्म-समय का ज्ञान ¤ बंद मुट्ठी तथा कुण्डली का संबंध ¤ मकान के आधार पर ग्रह कुण्डली का शोधन ¤ मकान के अनुसार कुण्डली निर्माण ¤ संयुक्त परिवार की कुण्डली ¤ कुण्डली की जांच ¤ कुण्डलियों की ग्रह चाल ¤ ग्रह स्पष्ट ¤ निष्कर्ष
18. ग्रह और वर्षफल 373-385
¤ ग्रहों की संज्ञाएं ¤ राशियों के नाम ¤ दिशा, स्थान एवं समादि ¤ कान्ति, जाति, तत्व तथा पदादि ¤ वर्षफल चंद्रिका ¤ जन्म-समय दशा का ज्ञान ¤ वर्षफल शुद्धता की पहचान ¤ ग्रहों का दशा प्रभाव ¤ ग्रहों का सामान्य प्रभाव ¤ वर्षफल द्वारा सूक्ष्म विचार
19. संयुक्त ग्रहों के फल 386-497
¤ संयुक्त ग्रहों की स्थिति ¤ सूर्य-चंद्र ¤ सूर्य-शुक्र ¤ सूर्य-मंगल ¤ सूर्य-बुध (मंगल नेक) ¤ सूर्य-शनि (मंगल बद) ¤ सूर्य-राहु ¤ सूर्य-केतु ¤ चंद्र-शुक्र ¤ चंद्र-मंगल ¤ चंद्र-बुध ¤ चंद्र-शनि (नीच केतु) ¤ चंद्र-राहु ¤ चंद्र-केतु ¤ मंगल-बुध ¤ मंगल-शनि (बनावटी उच्च राहु) ¤ मंगल-राहु ¤ मंगल-केतु ¤ बुध-शनि ¤ बुध-राहु ¤ बुध-केतु ¤ बृहस्पति-सूर्य ¤ बृहस्पति-चंद्र ¤ बृहस्पति-शुक्र (शनि-केतु स्वभाव) ¤ बृहस्पति-मंगल ¤ बृहस्पति-बुध ¤ बृहस्पति-शनि ¤ बृहस्पति-राहु ¤ बृहस्पति-केतु ¤ शुक्र-मंगल (बनावटी चंद्र) ¤ शुक्र-बुध (बनावटी सूर्य) ¤ शुक्र-शनि (उच्च केतु) ¤ शुक्र-राहु ¤ शुक्र-केतु ¤ शनि-राहु ¤ शनि-केतु ¤ राहु-केतु
20. संतान दोष तथा संतान योग 498-519
¤ आशीर्वाद एवं श्राप का प्रभाव ¤ संतानहीनता के योग ¤ पितृ-श्राप ¤ प्रेत-श्राप ¤ वर सम्बंधी सावधानियां ¤ पारिवारिक सुख ¤ संतान संबंधी कुछ प्रयोग ¤ ग्रहों से संतान का संबंध ¤ संतान का जन्म ¤ कायम संतान ¤ संतान से माता-पिता का संबंध ¤ माता-पिता के लिए संतान-सुख ¤ पुत्र-पौत्र योग ¤ संतानहीनता के अन्य योग ¤ बंध्या-काकबंध्या योग ¤ बच्चा गोद लेना ¤ कौन परिवार वाला होगा
21. ग्रहों को अनुकूल बनाने के उपाय 520-527
¤ आजमाए हुए उपाय ¤ कुछ खास तरीके ¤ विशेष उपाय ¤ बनावटी ग्रह ¤ टकराव के ग्रह ¤ बुनियादी ग्रह ¤ सोए हुए ग्रह ¤ सुप्त घरों को जाग्रत करने का तरीका ¤ कब जाग्रत होंगे सुप्त ग्रह ¤ शुभ फलों में बदलाव का कारण ¤ जन्मदिन और जन्म-समय का ग्रह
22. मंगलीक फल 528-536
¤ विभिन्न स्थितियां ¤ मंगल के भाव ¤ अन्य ग्रहों से मंगल की युति ¤ विशेष भाव ¤ शुभ फल ¤ दोष की समाप्ति ¤ मंगलीक-अरिष्ट निवारणार्थ टोटके ¤ वैदिक नियमों के उपाय
23. सहायता के लिए उपाय 537-540
¤ मंगल बद का इलाज
24. ग्रहों के दुष्प्रभावों का अंत 541-547
¤ सामान्य उपाय ¤ दान संबंधी उपाय ¤ भवन संबंधी उपाय ¤ संतान संबंधी उपाय ¤ रोग मुक्ति के उपाय ¤ ग्रह-युति की अनिष्टता दूर करने के उपाय
25. नवग्रहों की शांति 548-561
¤ विशेष उपाय ¤ शुभ फलदायी तिथियां ¤ धन वृद्धि के उपाय ¤ दान संबंधी विचार ¤ मंदिर संबंधी विचार ¤ गृह निर्माण संबंधी विचार ¤ संतान-सुख संबंधी विचार ¤ यात्रा संबंधी विचार ¤ ग्रहों के कुछ विशिष्ट योग ¤ लाल किताब के अद्भुत योग
26. सबल और निर्बल ग्रहों के विशेष उपाय 562-572
¤ विभिन्न योग ¤ कमजोर ग्रह ¤ उपाय ¤ आयु कितनी होगी ¤ अल्प आयु ¤ ब्रह्माण्ड में ग्रहचाली बच्चे की बदलती हुई अवस्था ¤ लाल किताब द्वारा पीड़ा का शमन ¤ बृहस्पति की पीड़ा का शमन ¤ सूर्य की पीड़ा का शमन ¤ चंद्र की पीड़ा का शमन ¤ शुक्र की पीड़ा का शमन ¤ मंगल की पीड़ा का शमन ¤ बुध की पीड़ा का शमन ¤ शनि की पीड़ा का शमन ¤ राहु की पीड़ा का शमन ¤ केतु की पीड़ा का शमन
27. लाल किताब पर आधारित चमत्कारी टोटके 573-581
¤ मेष ¤ वृष ¤ मिथुन ¤ कर्क ¤ सिंह ¤ कन्या ¤ तुला ¤ वृश्चिक ¤ धनु ¤ मकर ¤ कुंभ ¤ मीन
28. विशेष प्रयोगों से अनिष्ट ग्रह निवारण 582-592
¤ भविष्य-कथन के संकेत
|
- लाल किताब के सिद्धान्त
- राशियों का ग्रहों से संबंध
- कुंडली में ग्रहों का वास
- हर ग्रह से संबंधित मकान
- द्वादश भावगत ग्रहों का फल
- अनिष्ट ग्रहों का निदान
- ज्योतिष शास्त्र के मूल मंत्र
- ग्रहों की उपयोगिता
- ऋण से बंधा जातक
- ग्रहों के खानों का प्रभाव
- नवग्रहों का मेला
- ग्रहों के अनुसार वर्षफल
- संयुक्त ग्रहों के परिणाम
- लाल किताब की दृष्टि में घरों का फल
- साझे ग्रहों का असर
- संयुक्त ग्रह और आयु
- कुण्डली का ज्ञान
- ग्रह और वर्षफल
- संयुक्त ग्रहों के फल
- संतान दोष तथा संतान योग
- ग्रहों को अनुकूल बनाने के उपाय
- मंगलीक फल
- सहायता के लिए उपाय
- ग्रहों के दुष्प्रभावों का अंत
- नवग्रहों की शांति
- सबल और निर्बल ग्रहों के विशेष उपाय
- लाल किताब पर आधारित चमत्कारी टोटके
- विशेष प्रयोगों से अनिष्ट ग्रह निवारण