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नागराज और शांगो

राज कामिक्स

प्रकाशक : राजा पॉकेट बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2001
पृष्ठ :32
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 15563
आईएसबीएन :0

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नागराज सीरीज-5 : नागराज और शांगो

नागराज सीरीज-5

नागराज और शांगो

कथाः परशुराम शर्मा
चित्रांकन: संजय अष्टपुत्रे
सम्पादक: मनीष चन्द्र गुप्त


एशियन कुक चांगो के गिरोह के खूंखार लोगों ने सिल्वर लैण्ड के राज परिवार का कत्ल कर दिया था। सिर्फ राजकुमारी ताकाशी ही उनके चंगुल से बचकर भागने में सफल हो सकी थी।

वह हांगकांग में अपने पिता के मित्र मास्टर सुजूकी की सहायता लेने पहुंची, किन्तु फंस गई चांगो के गिरोह के लोगों के बीच। नागराज की मदद से किसी तरह वह मास्टर सुजूकी तक पहुंचने में सफल हो गई।

सुजूकी ने उन दोनों को एक जैसी अँगूठी देकर वापस सिल्वर लैण्ड भेजा। जहां वैसी ही तीसरी अंगूठी देकर चांगो के जबरदस्त प्रतिद्वन्दी कोरियन फाईटर शांगो को उनकी मदद के लिए वह भेजने वाला था। मगर शांगो को अंगूठी देने से पहले ही मास्टर सुजूकी चांगो के गिरोह के लोगों से टक्कर लेता हुआ बुरी तरह घायल हो गया।

शांगो जब मास्टर सुजूकी से मिलने पहुंचा तो तीसरी अंगूठी उसे देते हुए सुजूकी ने दम तोड़ दिया और गलतफहमी का शिकार होकर शांगो नागराज का दुश्मन बन गया। अब उसे तलाश थी नागराज की --

यह सब आपने राज कॉमिक्स में पूर्व प्रकाशित कॉमिक "नागराज की हांगकांग यात्रा" में पढ़ा और अब आगे पढ़ें-

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