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स्वयं प्रकाश संकलित कहानियाँ

स्वयं प्रकाश

प्रकाशक : नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया प्रकाशित वर्ष : 2019
पृष्ठ :279
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 15708
आईएसबीएन :9788123788029

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स्वयं प्रकाश की सौन्दर्य दृष्टि का सम्यक्‌ उद्घाटन उनकी कहानियों में हुआ है। आम आदमी के पक्ष में खड़े हुए किसी रचनाकार की सौन्दर्य चेतना जनता के सामूहिक जीवन की अस्मिता से ही निर्मित होती है और यही कारण है कि स्वयं प्रकाश जहाँ श्रम में सौन्दर्य की खोज करते हैं वहीं वे जीवन को सदैव आशावादी दृष्टि से देखते हैं। गैर बराबरी और शोषण के विरुद्ध उनका संघर्ष उनके विपुल मानवीय सद्भाव का परिचायक है। जनवादी कहानी पर लचर शिल्प का आरोप अक्सर लगा है और यह भी कहा गया कि जनसंघर्ष के नाम पर कहानी रपट या ब्यौरा बन कर ही रह जाती है। लेकिन स्वयं प्रकाश जितने वैचारिक रूप से सजग, विवेकी हैं; कला पक्ष के उतने ही जानकार।

इस संकलन में स्वयं प्रकाश की प्रारंभिक कहानियों से लगाकर उनकी इधर की ताजी कहानियाँ भी हैं। उनकी प्रारंभिक कहानियाँ नगर नरभक्षी, उसके हिस्से का दुःख, मात्र और भार इस चयन में दी जा रही हैं जो सत्तर के हिंदी कहानी दौर की जड़ता और एकरसता के बीच अलहदा स्वर की तरह हैं।

 

विषय सूची

  • भूमिका
  • नगर नरभक्षी
  • उसके हिस्से का दुःख
  • मात्रा और भार
  • नीलकांत का सफर
  • सूरज कब निकलेगा
  • उस तरफ
  • एक जरा-सी बात
  • संक्रमण
  • बर्डे
  • क्या तुमने कभी कोई सरदार भिखारी देखा ?
  • अशोक और रेनु की असली कहानी
  • पार्टीशन
  • नेताजी का चश्मा
  • नैनसी का धूड़ा
  • अगले जनम
  • बलि
  • संधान
  • कानदांव
  • जंगल का दाह
  • मंजू फालतू
  • गौरी का गुस्सा
  • ट्रैफिक
  • प्रतीक्षा
  • अकाल मृत्य
  • बिछुड़ने से पहले

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