नई पुस्तकें >> मिस आर - आरंभ मिस आर - आरंभदिशान्त शर्मा
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भारत की पहली महिला सुपर हीरोइन ‘मिस -आर' जो खुद एक बलात्कार पीड़िता और एसिड पीड़िता है लेकिन उसकी ‘औरा पावर’ ने उसे एक नया अवतार दिया है। वो खुद की और लोगों की मदद करना चाहती है...
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बाबा
अप्रैल के कुछ दिन और बीत गये। एक दोपहर को कैथरीन घर में अकेली थी और अपने कमरे में मौजूद कपड़े की अलमारीदेख रही थी। शाम को उसकी सहेली वीणा का जन्मदिन था। कैथरीन के पास जन्मदिवस का आमंत्रण था परन्तु शाम को वह क्या पहने? उसके लिए यह एक जटिल समस्या थी। कैथरीन के मन का हर एक कोना चिल्ला-चिल्ला कर कह रहा था कि वह बिना बाँह वाला सफेद कुर्ता और जींस पहने, परन्तु यह असंभव था, वह कभी भी ऐसा कोई कपड़ा नहीं पहन पाती थी जो कि उस की बायीं बाँह को पूर्ण रूप से ढकता हो क्योंकि उसकी बायीं बाह पर एक बर्थमार्क यानि जन्मजात निशान था जो कि ग्रे रंग का था। वह निशान ऐसा था कि मानो उसकी बाँह को किसी ने हाथ से पकड़ा हो और उस पकड़ की छाप हमेशा के लिए रह गयी हो। कैथरीन ने कई बार पापा से इस निशान के बारे में पूछा परंतु पापा का कहना था कि यह निशान उसके जन्म से ही है, वह इस पर ध्यान मत दे। लेकिन वह ध्यान न दे; यह कैसे संभव है? वो भी एक लड़की के लिए? फिर यह निशान तो उसकी बुरी किस्मत को ही दर्शाता है, क्योंकिउसे कपड़ों की पाबंदी में बाँधता है। कैथरीन को विचारों के बादलों में घूमने जैसा महसूस हो रहा था, उसने एक बार जोर से सर को हिलाया फिर एक जींस और लाल रंग का टाप चुना जो कोहनी तक आस्तीन का था। जींस-टाप पहनकर कैथरीन ने पापा को फोन किया-
“हैलो पापा; कैथरीन ने फोन पर कहा।”
“हाँ, बेटा।” पापा की आवाज में प्यार झलक रहा था।
“पापा.. आज मेरी सहेली वीणा का जन्मदिन है। उसने मुझे बुलाया है, मैं जा रही हूँ शाम को थोड़ी देर से आऊँगी, ठीक है ना?”
“ठीक है बेटा, फिर भी जल्दी आना”
“ठीक है, पापा.. ओ.के.बाय पापा”
“ओ.के. बाय.. बेटा”
कैथरीन ने देखा घड़ी में शाम के 4 बज़ रहे हैं। उस ने फटाफट घर को बंद किया और चाभी घर के बगीचे के सबसे छोटे गमले के नीचे दबायी और वीणा के घर की तरफ चल दी।
शाम के साढ़े पाँच बज रहे हैं और कैथरीन गाड़ी पर घर लौट रही है। उसका चेहरा गुस्से से तमतमाया हुआ है। कोई भी आसानी से अंदाजा लगा सकता है कि वीणा की पार्टी किसी न किसी कारण से कैंसिल हो गई है और कैथरीन को वापस लौटना पड़ रहा है। कैथरीन गाड़ी तेज गति से चला रही है जो सही नहीं है, इसका अहसास उसे जल्दी ही होने वाला है।
“वाह..वीणा..वाह, पार्टी कैंसिल करने की क्या वजह ढूँढी है? यह भी कोई वजह है कि दादी का (वीणा की दादी) कहना है कि आज पार्टी का शुभ मुहूर्त नहीं है, इसलिए पार्टी 5 दिन बाद रखी जानी चाहिए.. वाह क्या लाजिक है? जन्मदिन आज और पार्टी 5 दिन बाद। हमारी तो कोई कद्र ही नहीं है.. हम तो हर समय खाली रहते हैं।” कैथरीन के मन में इतने सारे विचार उमड़ रहे थे कि उसका इस ओर ध्यान नहीं गया कि उसने गाड़ी की रफ्तार और बढ़ा दी थी। तभी कैथरीन ने जोर से ब्रेक मारा क्योंकि उसकी गाड़ी से कोई टकराया और जोर से चिल्लाकर गिर गया था।
“आई एम सारी..सो सारी, आप को कहीं चोट तो नहीं लगी? आप ठीक तो हैं? कैथरीन ने गाड़ी से उतरते हुए गिरे हुए आदमी से कहा।
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- अनुक्रमणिका