कविता संग्रह >> नवान्तर नवान्तरदेवेन्द्र सफल
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गीत-कविता का नवान्तरण
अनुक्रमणिका
1. मुखौटों का चलन है
2 सूत्रधार तुम
3. टूट गया दर्पण सा
4. आग फैली है
5. वे बरसे नहीं
6. चिरागों को खतरा है
7. सावन सूखा
8. आसमान से आग बरसती
9. सब अपने-अपने में खोये
10. उड़ते कबूतर
11. बोल मत
12. सपने भयानक हैं
13. तमस न्यायाधीश है
14. ऐसे हुए निवेश हैं
15. ये साधक
16. क्या बात करें
17. बिखरे परिपत्र मिले
18. सपने भटक रहे
19. हाथ रहे हरदम खाली
20. मेरे घर में धूप रहे
21. होगा कब परिवर्तन
22, कैसी चली हवायें
23. हँसना भूल गये
24. दिखता ओर-न-छोर है
25. कभी न आया
26. परीक्षा जारी है
27. घुट रही है साँस
28. अपनों से हार गया
29. खिड़की भर धूप
30. बढ़ चलो मनमीत
31. आधार ढहे हैं
32. आ गई नूतन सदी
33. खारापन भीतर - बाहर
34. मैं नया अन्दाज हूँ
35. हम पंछी थे
36. स्वीकार किया
37. दुखों के अनुचर
38. धुंध डूबी शाम
39. एक नदी
40. शीतल पुरवाई में
41. आभास नहीं देना
42. समय के सारथी
43. ओ! हमारे मन
44. स्वस्ति वाचन
45. दर्पण की भाषा
46. डर लगता पहचानों से
47. पीड़ा से नज़दीकी नाता
48. कागजी सम्बन्ध
49. मरु की प्यास
50. तुम हो राजनीति के पण्डित
51. गीत हुए बंजारे
52, नारे गढ़े हैं सूफ़ियाने
53. आँधी आई है
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