लोगों की राय

कहानी संग्रह >> किर्चियाँ

किर्चियाँ

आशापूर्णा देवी

प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :267
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 18
आईएसबीएन :8126313927

Like this Hindi book 5 पाठकों को प्रिय

3465 पाठक हैं

ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कहानी संग्रह


अपने नाबालिग बेटे के हक में कदम ने जमीन-जायदाद का मामला उठाया था। केशव राय के साथ रुपये में आठ आने का हिस्सा पाने के लिए।

आठ आना हिस्सा...? उस लड़के के लिए जिसकी नाक बहती रहती है, पेट में जोंक है, हाथ में कड़ा है, गले में बाघ का नाखून जड़ा है...केशव राय तो यह सुनते ही आग-बबूला हो उठे...बोले, ''ठीक है, मैंने तो सोचा था कि हर महीने सारी व्यवस्था कर दूँगा। लेकिन अब...अब तो एक पैसा नहीं दूँगा। जरा मैं भी तो देखूँ गिन्ती की औकात। मैं कचहरी मैं यह साबित कर दूँगा कि राघव राय ने उससे कभी कोई विवाह किया ही नहीं था...बड़ी आयी रखैल कहीं की? इस वंश में उस बात का कोई गवाह

है....कोई पुरोहित गया था वहाँ? कोई देखा-सुनी हुई थी...कुछ भी नहीं और यह लड़का...राघव राय की अवैध....नाजायज सन्तान है।

केशव राय की घरवाली ने आँखें चौड़ी कर पूछा, ''और इस घर में इतने सालों तक नयी गिन्ती रहकर गयी है....इसका कोई जवाब है तुम्हारे पास?''

केशव राय ने उसके सवाल को अनदेखी करते हुए बोले, ''आ...दुर....। तुम भी क्या कह रही हो? मर्द का बच्चा जिन्दा रहता है तो ऐसी ढेर सारी कारस्तानी करता रहता है। लोग हाड़ी-बागदी की छोरियाँ लाकर घर में डाल लेते हैं...यह तो फिर भी ब्राह्मण थी।....और हर कोई तुम्हारे पति की तरह बेदाग चाँद तो होता भी नहीं?''

इस निष्कलंक चाँद की महिमा सुनकर घरवाली और बिछल गयी और कृतार्थ भाव से बोली, ''हां....सो तो है...लेकिन क्या अदालत में ही यह फैसला होगा कि उसका सचमुच हम पर कोई दावा नहीं है?''

''और नहीं तो क्या? ब्राह्मण होने पर भी वे लोग किस पांत के ब्राह्मण हैं? कर्मकाण्डी....आचारजी ब्राह्मण। उनके साथ हमारा कोई लेना-देना नहीं है...लो इतनी बड़ी गवाही तो मेरे ही हाथ में है। इसके अलावा सारे गाँव के लोग गवाह हैं...मेरे साथ हैं।''

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai