कविता संग्रह >> आनन्द मंजरी आनन्द मंजरीत्रिलोक सिंह ठकुरेला
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त्रिलोक सिंह ठकुरेला की मुकरियाँ
जाके राधाकांत हैं, ताके पूरे काम।
सारी ही माया मिले, सारे ही आराम।।
सारी ही माया मिले, सारे ही आराम।।
- त्रिलोक सिंह ठकुरेला
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