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ऐतिहासिक >> पहला सूरज

पहला सूरज

भगवतीशरण मिश्र

प्रकाशक : राजपाल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2004
पृष्ठ :100
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2032
आईएसबीएन :81-7315-371-x

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वीरवर शिवाजी की शौर्य-गाथा अत्यंत रोचक उपन्यास के रूप में...

Pehla Suraj (Bhagwatisharan Mishra)

विश्व-इतिहास में कभी ही कोई ऐसा व्यक्तित्व उभरता है जो समय की शिला पर अपना नाम अमिट कर जाता है। ऐसे ही थे मराठा-योद्धा, मानवता के सिरमौर छत्रपति शिवाजी। भारतीय जब विदेशियों की दासता के कारण अपनी संस्कृति, अपनी अस्मिता और अपनी पहचान तक खो चुके थे, जब चारों ओर निराशा का अंधकार छा रहा था, तब भारत के राजनैतिक क्षितिज पर एक प्रकाश-पुंज प्रकट हुआ जिसने भारत में नई चेतना, नव जागरण का संदेश फैलाया।

‘पहला सूरज’ उन्हीं महामानव, वीरवर शिवाजी की शौर्य-गाथा है अत्यंत रोचक उपन्यास के रूप में।


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