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लज्जा

तसलीमा नसरीन

प्रकाशक : वाणी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :184
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2125
आईएसबीएन :9789352291830

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प्रस्तुत उपन्यास में बांग्लादेश की हिन्दू विरोधी साम्प्रदायिकता पर प्रहार करती उस नरक का अत्यन्त मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया गया है...


एक दिन परवीन की शादी हो गई, एक मुसलमान व्यवसायी के साथ। चूंकि सुरंजन मुसलमान बनने के लिए तैयार नहीं हुआ इसलिए परवीन ने भी उसके साथ पहाड़ पर जाने का स्वप्न छोड़ दिया। क्या स्वप्न को आसानी से पूजा की मूर्ति की तरह पूजा समाप्त होने पर पानी में बहा दिया जा सकता है। जैसे परवीन ने बहा दिया था? सुरंजन का धर्म ही परवीन के परिवार में मुख्य अड़चन बनकर सामने आया था।

आज सुबह हैदर कह रहा था, शायद परवीन अपने पति को तलाक दे देगी।

दो वर्ष के अन्दर ही डायवोर्स? सुरंजन कहना चाहकर भी नहीं कह सका। वह तो परवीन को भूल ही गया था, फिर भी डायवोर्स की खबर सुनकर छाती के अन्दर कुछ धधक उठा। ‘परवीन' नाम को उसने खूब जतन से छाती के अन्दर स्थित संदूक में नेप्थोत्मीन देकर रखा था। शायद! कितने दिनों से उसने परवीन को नहीं देखा। उसके वक्ष में दर्द की एक लहर दौड़ गई। वह जान-बूझकर रतना का चेहरा याद करने की कोशिश कर रहा है। रत्ना मित्र। वह लड़की बहुत अच्छी है। सुरंजन के साथ उसकी जोड़ी अच्छी जमेगी। परवीन तलाक लेगी तो इससे सुरंजन को क्या! मुसलमान के साथ शादी हुई थी, परिवार की पसन्द से हुई थी। जाति-धर्म मिलाकर ही क्या शादी को स्थायी किया जा सकता है? फिर वापस क्यों आना पड़ता है? उसे लेकर उसका पति पहाड़ पर नहीं चढ़ा? स्वप्न पूरा नहीं किया? वह तो बेरोजगार हिन्दू लड़का है, उड़ता रहता है, घूमता रहता है। क्या वह शादी के लिए उचित पात्र है? सुरंजन एक रिक्शा लेकर टिकाटुली के मोड़ पर पहुँचता है। छाती में रखे सन्दूक में से तिलचट्टे की तरह बार-बार परवीन का चेहरा उछलकर बाहर आ जा रहा है। परवीन उसे चूमती थी, वह परवीन से लिपटकर कहता, तुम एक चिड़िया हो, गौरैया!

परवीन हँसते-हँसते लोट-पोट हो जाती और कहती, तुम एक बन्दर हो।

अच्छा क्या सचमुच वह एक बन्दर है? बन्दर नहीं होता तो क्या पाँच वर्षों

में जो था वही रहता। उम्र बीत गयी लेकिन उसे कुछ भी नहीं मिला। किसी ने भी परवीन की तरह नहीं कहा, 'तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो।' परवीन ने जिस दिन यह बात कही थी, उसने परवीन से कहा था, 'किसी से शर्त लगायी है क्या?'

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