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लज्जा

तसलीमा नसरीन

प्रकाशक : वाणी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :184
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2125
आईएसबीएन :9789352291830

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प्रस्तुत उपन्यास में बांग्लादेश की हिन्दू विरोधी साम्प्रदायिकता पर प्रहार करती उस नरक का अत्यन्त मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया गया है...


आज साम्प्रदायिकता के विरुद्ध सर्वदलीय शान्ति सभा है। सुना है, ब्रिटेन में भी मंदिर पर हमला हुआ है। तुफैल अहमद ने भोला से घूमकर आने के बाद कहा है, भोला में वी. डी. आर. भेजना चाहिए। उन इलाकों की परिस्थिति खराब है।'

क्यों, सब जलकर राख हो जायेगा तो बी. डी. आर. जाकर वहाँ क्या करेगी, राख के ढेर को इकट्ठा करेगी। कहाँ था तुफैल छह तारीख की रात को? उसी रात उसने क्यों प्रोटेक्शन का इन्तजाम नहीं किया?'

सुरंजन उत्तेजित हो गया। बोला, 'अवामी लीग को तुम इतना शरीफ मत समझो!'

'यह भी हो सकता है कि इस सरकार को दोषी ठहराने के लिए आवामी लीग ने दंगा रोकने की कोशिश नहीं की?'

'मालूम नहीं हो सकता है। सभी को तो वोट की जरूरत है। इस देश में वोट की राजनीति चलती है, यहाँ पर आदर्श-वादर्श कोई नहीं देखता। छल-बल- कौशल से वोट लेने से मतलब है। आवामी लीग ने तो सोचा है कि हिन्दुओं का वोट उसे ही मिलेगा। 'रिजर्व बैंक' या क्या कहते हैं, कहीं-कहीं पर तो उसे भी उन लोगों ने लूटा है।'

कहीं-कहीं ऐसा भी हुआ है कि जिन इलाके से अवामी लीग चुनाव में जीतती है, उनमें बी. एन. पी. के लोगों ने ही हिन्दुओं के घरों को लूटा है, मंदिरों को तोड़ा है और जला दिया है। यह भी कहा कि जिनको वोट देते हो, वे लोग अभी कहाँ हैं? इसी तरह बी. एन. पी. जहाँ जीतती है, वहाँ पर अवामी लीग द्वारा ऐसा किया गया। भोला में बी. एन. पी. के लोगों ने किया है, इधर महेशखाली, उधर मानिकगंज में अवामी लीग के लोगों ने किया है।'

'राजनीति का मामला तो है ही। लेकिन कट्टरपंथियों को साथ लिये बिना कहीं कुछ नहीं हुआ। अच्छा, सुना है आज सभी अखबारों में एक ही सम्पादकीय निकला है? उसमें भी क्या साम्प्रदायिक सद्भाव की अपील की गयी है?'

'क्या आप अखबार नहीं पढ़ते?'

'इच्छा नहीं होती।'

इस वक्त माया कमरे में आयी। टेबल पर एक लिफाफा रखा। बोली, 'माँ ने दिया है, कहा है, जरूरत नहीं है।'

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