नाटक-एकाँकी >> माधवी माधवीभीष्म साहनी
|
1 पाठकों को प्रिय 157 पाठक हैं |
प्रख्यात लेखक भीष्म साहनी का यह तीसरा नाटक ‘माधवी’ महाभारत की एक कथा पर आधारित है
प्रस्थान
आ. वा.-2 : मुझे महाराज से इस बात की आशा नहीं थी।
आ. वा.-1 : तुम आध्यात्मिक तत्त्वों को नहीं समझोगे, माधवी देवी लक्षणों वाली युवती है। उसके भाग्य में चक्रवर्ती राजा को जन्म देना लिखा है। भाग्य ही उसे गुरु-दक्षिणा का निमित्त बना रहा है। माधवी वनवासिनी नहीं, पटरानी बनने जा रही है, दैव ही उसका निर्देशन कर रहा है।
आ. वा.-2 : भगवान उसकी रक्षा करें।
पर्दा
|