लोगों की राय

नाटक एवं कविताएं >> तस्वीर के रंग

तस्वीर के रंग

उषा यादव

प्रकाशक : स्वास्तिक प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2000
पृष्ठ :32
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2973
आईएसबीएन :00000

Like this Hindi book 11 पाठकों को प्रिय

389 पाठक हैं

प्रस्तुत है उषा यादव का नाटक तस्वीर के रंग ....

Tasveer Ke Rang-A Hindi Book by Usha Yadav

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

तस्वीर के रंग

पात्र


समीर : आयु नौ वर्ष
अमन, सुहास, गीता और नेहा : लगभग छ: से नौ वर्ष की आयु के बच्चे-बच्चियाँ।
माँ : समीर की माँ

स्थान व समय


(समीर की दीदी शिल्पा का कमरा एक कोने में मेज-कुर्सी, दीवार पर ब्लैकबोर्ड, मेज पर रंगीन चाकों का डिब्बा रखा है। मेज पर कुछ किताबें सजी हुई हैं। शाम के लगभग चार-पाँच बजे का समय है।)

परदा खुलते ही मंच पर ब्लैकबोर्ड के सामने खड़ा समीर दिखाई देता है। ब्लैकबोर्ड पर सफेद चाक से भारत माता का चित्र बना है। समीर के हाथ में चाक है, जिससे वह चित्र को सँवारता दिखाई दे रहा है। साथ ही तन्मय होकर गुनगुनाता जा रहा है-सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा ऽ ऽ ....
माँ : (प्रवेश करते हुए) समीर तुम्हारे दोस्त आए हैं। तुम्हें खेलने के लिए बुला रहे हैं।
समीर : (सिर उठाते हुए) माँ, इस समय मैं बहुत जरूरी काम में लगा हूँ। प्लीज, उन्हें जाने को कह दो।
माँ : मैं मना करूंगी तो अच्छा नहीं लगेगा। उन्हें यहीं भेज दे रही हूँ। जो इच्छा हो, तुम खुद कह देना।

(माँ लौट जाती है।)

समीर : (गुनगुनाते हुए) हिन्दोस्ताँ हमारा ऽ ऽ हमारा ऽ ऽ सारे जहाँ से अच्छा ......

(आपस में हँसते-बोलते हुए अमन, सुहास, नेहा और गीता आकर द्वार पर खड़े हो जाते हैं। )

नेहा : (शिकायती स्वर से) समीर, तुम आज खेलने नहीं आए ?
समीर : देखती नहीं, मैं भारत माता का चित्र बना रहा हूँ।
नेहा : वह तो ठीक है, पर यह हमारा खेलने का समय है न !

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai