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आचार्य श्रीराम शर्मा >> अतीन्द्रिय क्षमताओं की पृष्ठभूमि

अतीन्द्रिय क्षमताओं की पृष्ठभूमि

श्रीराम शर्मा आचार्य

प्रकाशक : श्रीवेदमाता गायत्री ट्रस्ट शान्तिकुज प्रकाशित वर्ष : 2000
पृष्ठ :104
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 4105
आईएसबीएन :000

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गुरुदेव की वचन...

भविष्यवाणियों से सार्थक दिशा बोध


"पूँजीवाद तथा साम्यवाद एक कमरे में कैसे रह सकते हैं ?" इटली में वह शक्ति कहाँ, जो वह विश्व युद्ध में भाग ले ? मुसोलिनी का उदय एक अपराजेय शक्ति के रूप में हुआ है। उसका पतन असंभव है ? विश्व-संस्था का निर्माण एक असंगत कल्पना है, जिसकी स्थापना कभी भी संभव नहीं ?" एक पत्रकार ने दृढ़ शब्दों में इटली के सुप्रसिद्ध भविष्यवक्ता फादर पियो का प्रतिवाद किया। पियो का कथन था-

"द्वितीय विश्व युद्ध की अनेक विचित्रताओं में अमेरिका और रूस दोनों का एक साथ मित्र सेना के रूप में युद्ध में भाग लेना भी सम्मिलित है। इस युद्ध में इटली को भी भाग लेना पड़ेगा और भाग ही नहीं, युद्ध समाप्ति की पहल भी वही करेगा। तब तक मुसोलिनी का पतन हो चुका होगा और एक बार इटली को भयंकर मुद्रा स्फीति, महँगाई तथा देशव्यापी संकटों का सामना करना पड़ेगा। इस विश्व युद्ध का आखिरी चरण इतना भयंकर होगा कि दुनिया के सभी शीर्ष राजनीतिज्ञ यह सोचने को विवश होंगे कि युद्ध समस्याओं का अंतिम हल नहीं है। वार्ताओं से भी समस्याएँ सुलझाई जा सकती हैं. इस भावना से प्रेरित एक विश्व संस्था का निर्माण होगा; किंतु उसमें राजनैतिक अखाड़ेबाजी के अतिरिक्त होगा और कुछ भी नहीं।"

ऊपर जिस पत्रकार ने फादर पियो से इन भविष्यवाणियों की संभावनाओं पर आशंका व्यक्त की थी, तब तक अधिक ख्याति प्राप्त न होने के कारण बहुत अधिक लोगों को तो विवाद का अवसर नहीं मिला, किंतु जब उसी पत्रकार द्वारा सर्वप्रथम प्रकाशित फादर पियो की भविष्यवाणियाँ एक-एक कर सच होती गईं तो एकाएक उनके नाम की इटली में धूम मच गई। इटली के एक
गिरजाघर में पादरी श्री पियो अत्यंत विनम्र स्वभाव, मधुरभाषी, ऊँचा शरीर, स्वस्थ गौर वर्ण और विनोदप्रिय स्वभाव के थे। परमात्मा पर उनकी अनन्य आस्था थी। अपनी निश्चितता का आधार भी वह इसी आस्था को मानते थे। उनका कहना था कि जब परमात्मा को अपनी हर संतान के हित की चिंता आप है, तो मनुष्य व्यर्थ की कल्पनाओं में क्यों डूब मरे ?

उन दिनों अमेरिका में प्रेसीडेंट निक्सन चुनाव लड़ रहे थे। इटली में भी उनके पक्ष-विपक्ष की बातें चलती रहती थीं। एक दिन यह प्रसंग फादर पियो के समक्ष भी उठा, तो उन्होंने कहा-"शक नहीं, निक्सन अब तक के सब अमेरिकी शासनाध्यक्षों की अपेक्षा अधिक बहुमत से विजयी होंगे; किंतु जिस तरह उफान आग को बुझा देता है और स्वयं भी तली में चला जाता है, उसी प्रकार निक्सन महोदय उतने ही बदनाम राष्ट्रपति होंगे और उन्हें बीच में ही गद्दी छोड़ने तथा जनसत्ता के अधिकारों के हनन का अपयश भोगना पड़ेगा।

उस समय कोई यह कल्पना भी नहीं कर सकता था कि इतने शक्तिशाली प्रेसीडेंट निक्सन को वाटर गेट कांड ले डूबेगा और उस कारण उन्हें महाभियोग तक का सामना करना पड़ेगा; पर इतिहास ने यह सब कुछ कर दिखाया।

फादर पियो की तरह ही उत्तर-पूर्वी कनाडा के हायलैंड प्रदेश की निवासिनी माल्वा डी. भी अपनी सही भविष्यवाणियों के लिए विख्यात रही हैं। उन्हें अनायास ही वह शक्ति प्राप्त हो गई, जिससे वह लोगों के फोटो या हाथ की लिखावट देखकर उसके सुदूर भविष्य को जान लेती हैं। इन भविष्यवाणियों के द्वारा न केवल उन्होंने अनेक लोगों को उनके खोये बच्चों से मिलाया, आजीविका के रास्ते बताए, अपितु सैकड़ों लोगों की आकस्मिक दुर्घटनाओं से भी रक्षा की। ऐसे व्यक्तियों में स्वयं उनके पति भी थे, जो उनसे परामर्श लिए बिना कभी भी कोई काम नहीं करते थे।

उनकी भविष्यवाणियों में केनेडी की राष्ट्रपति चुनाव में विजय तथा उनकी मृत्यु की पूर्व घोषणा का अत्यधिक महत्त्व रहा। उन्होंने सन् १६६१ में यह भविष्यवाणी कर दी थी कि २२ नवंबर १६६३ को राष्ट्रपति केनेडी की हत्या कर दी जायेगी। घोषणा को लिखकर उन्होंने एक लिफाफे में बंद कराकर—उसे सरकारी प्रामाणिकता में रजिस्ट्री कराई। पीछे जब उनकी हत्या के दिन उसे खोला गया तो लोग आश्चर्यचकित रह गये कि वह वही तिथि थी, जो माल्वा डी० के पूर्व रजिस्ट्री कराये लिफाफे में थी।

इस चर्चा का एक रोचक अध्याय यह था कि उसी दिन उन्होंने वह भी घोषणा करा दी कि-"३ अगस्त १६६४ को चर्चिल की मृत्यु हो जायेगो तथा ८ जून १६६५ को कनाडा में एक ऐसी जबर्दस्त विमान दुर्घटना होगी, जिसमें एक भी व्यक्ति जीवित नहीं बचेगा।" पूर्व कथन से प्रभावित होने के कारण इस बार तो उनकी घोषणाओं को विधिवत् टेलीविजन में भी दिखाया गया। जिस दिन उनका यह कार्यक्रम प्रसारित हो रहा था, उस दिन एक भी टी०वी० सेट बंद नहीं था। लोग भारी संख्या में पहले से ही टी० वी० सेट घेरकर खड़े हो गये थे। यह दोनों भविष्यवाणियाँ अखबारों में भी प्रकाशित हुईं और जब निश्चित तिथियों सहित वे पूर्ण सच निकलीं, तो लोगों ने दाँतों तले उँगली दबा ली। लोगों में अपूर्व जिज्ञासा विकसित होती जा रही है, आखिर मनुष्य शरीर और उसकी बुद्धि में ऐसे कौन से तत्त्व विद्यमान हैं, जो बहुत अधिक समय बाद में होने वाली घटनाओं का भी बोध करा देते हैं। अब तक मनुष्य शरीर और उसकी रचना को मात्र भौतिक दृष्टि से देखा जाता था, पर समय की इन सिमटती हुई दूरियों ने मनुष्य को अब इतना ध्यानस्थ कर दिया कि उसे मनुष्य जीवन के प्रति सुनिश्चित दृष्टिकोण प्राप्त किये बिना चैन न मिलेगा।

इन भविष्यवाणियों से जहाँ उच्च सत्ता की उपस्थिति, मानवता के उज्ज्वल भविष्य, इसे देश की अकल्पित प्रगति और इससे आध्यात्मिक पुनरुत्थान की आशा बँधती है, वहीं हमारे चिंतन में स्वस्थ अध्यात्मवादी दृष्टिकोण का भी समावेश होता है, जो व्यक्ति, समाज और संसार सभी के लिए उज्ज्वल संभावनाओं का अध्याय है। संसार की शांति और प्रगति इसी दृष्टिकोण पर आधारित है, यह सुनिश्चित मानना चाहिए।

इन भविष्य वक्ताओं की ही कोटि की एक और पश्चिमी महिला पराज्ञान की शक्ति से संपन्न होने के कारण ख्याति अर्जित कर चुकी थी। उक्त महिला का नाम था—फ्लोरेन्स।

फ्लोरेन्स की अतींद्रिय सामर्थ्य पीटर हारकोस की तरह विस्मयकारी थी। वह हाथ से किसी वस्तु को छूकर उस वस्तु से संबंधित व्यक्ति के बारे में बहुत कुछ बता सकती थी।

न्यूजर्सी नगर की रहने वाली फ्लोरेन्स से उसके साथी नेबेल ने एक बार कहा कि-"आप संत के बारे में तो बताती ही रहती हैं। मेरे बारे में भी कुछ बताइए।" नेबेल प्रसारण-सेवा का कर्मचारी था। उसने माइक फ्लोरेन्स की ओर बढ़ाया तो फ्लोरेन्स ने उसे दाहिने हाथ में थाम लिया। १५-२० सैकड तक वह शांत रही। फिर बोली-"आप शीघ्र ही किसी दूसरे राज्य के प्रसारण करेंगे।''

नेबेल हँस पड़ा। उसने कहा कि-"आपसे मैं यह अच्छा मजाक कर बैठा। अब अगर हमारे इस कार्यक्रम को हमारी कंपनी के किसी संचालक ने सुना होगा, तो दूसरे राज्य में भेज दिया जाऊँगा। यहाँ से अवश्य मेरा कार्यकाल समाप्त समझिए।"

कुछ मिनटों बाद कंट्रोलरूम में फोन घनघना उठा। वह नेबेल के लिए ही फोन था। कंपनी के जनरल मैनेजर ने उसे बताया कि "शीघ्र ही न्यूयार्क से एक कार्यक्रम शुरू किया जायेगा। वहाँ तुम्हें ही भेजने का निर्णय लिया गया है, किंतु यह घोषणा कल होगी। अभी इसे गुप्त ही रखना है।"फ्लोरेन्स ने जो कुछ बताया है वह है तो सच, पर उसे यह बात ज्ञात कैसे हुई ? यही आश्चर्य का विषय है। नेबेल फ्लोरेन्स से यह भी नहीं कह पा रहा था कि आपकी भविष्यवाणी सच है।

फ्लोरेन्स ने अपनी पराशक्ति के बल पर खोये हुए व्यक्तियों, वस्तुओं और हत्या के मामलों जैसे महत्त्वपूर्ण मुददों पर संबद्ध व्यक्तियों तथा पुलिस को आवश्यक जानकारी देकर मदद की।

न्यूयार्क की टेलीफोन कंपनी के कुछ दस्तावेज गुम हो गये। ढूँढने पर मिल ही नहीं रहे थे। अंत में कंपनी ने फ्लोरेन्स से प्रार्थना की कि वह उन कागजातों के बारे में बताएँ। फ्लोरेन्स कंपनी के दफ्तर गई, वहाँ फाइलों की केबिनेट को छुआ और बतलाया कि कागज कहीं गये नहीं, इसी दफ्तर में है। एक क्लर्क ने भूल से उन्हें अठारहवीं मंजिल पर स्थित स्टॉकरूम में रखी हरे रंग वाली अलमारी में छोड़ आया था। ढूँढ़ने पर वे दस्तावेज वहाँ सुरक्षित मिल गये।

जुलाई १६६४ में ही अमेरिका में बाल्टीमोर शहर की एक ग्यारह वर्षीया बच्ची घर से सहसा गायब हो गई, जिसका कुछ भी पता पुलिस नहीं लगा पा रही थी। वहाँ के अखबार न्यूज अमेरिकन' ने अपने संवाददाता को फ्लोरेन्स के पास भेजा। फ्लोरेन्स ने बताया कि उस बालिका के पड़ौस के घर के तहखाने में कुछ दिखाई दे रहा है, उसे देखा जाए।

इसके दो दिन बाद पुलिस अधिकारी जब लडकी की डायरी लेकर फ्लोरेन्स के पास पहुंचे, तो उसे हाथ में लेने के बाद फ्लोरेन्स ने निश्चित रूप से यह घोषणा कर दी कि, इस बालिका की हत्या की जा चुकी है और लाश पड़ौस के घर में तहखाने में दफन है। खोज करने पर लड़की का शव वहीं मिला।

एक बार एक लड़की की हत्या के प्रकरण में पुलिस जब कोई सुराग न पा सकी, तो शव के पास पड़ा एक सिक्का लेकर फ्लोरेन्स के पास पुलिस अधिकारी पहुंचा। उस सिक्के को हाथ में लेकर फ्लोरेन्स ने बताया कि, यह आखिरी बार जिस व्यक्ति के हाथ में था—वह साढ़े पाँच फुट लंबा है, १६० पौंड वजन वाला तथा जिस इमारत में यह शव प्राप्त हुआ है, उसके पास वाले मदिरालय में आता-जाता रहता है। पुलिस ने इस आधार पर खोज
की पृष्ठभूमि की और शीघ्र ही अपराधी को पकड़ लिया। रूमाल, पुस्तक, डायरी, पैन, अँगूठी आदि कोई भी वस्तु छूकर वह संबद्ध व्यक्ति के बारे में बता सकती थी। पर फ्लोरेन्स ने अनुभव किया कि, ऐसे प्रत्येक परा-दर्शन के बाद, जिसमें यह प्रयत्नपूर्वक अपनी शक्ति खर्च करती है, उसे अपनी अतींद्रिय शक्ति में कुछ हास-सा अनुभव में आता है।

शीघ्र ही उसने अपने को सीमित कर लिया। अपनी शक्ति का प्रदर्शन तो फ्लोरेन्स ने पूरी तरह बंद ही कर दिया, वह लोगों को जानकारियाँ अब नहीं देती। अत्यावश्यक एवं विषम परिस्थितियों में ही वह लोगों को जानकारी देती। उसने ध्यान-उपासना एवं स्वाध्याय में अधिक समय लगाना प्रारंभ कर दिया। न्यूजर्सी के अपने मकान को ही उसने साधना केंद्र ही बना डाला। कुछ वर्षों बाद उसने लेखन क्रम प्रारंभ किया। उसकी पुस्तके बाजार में तेजी से बिकने लगी। इसमें से "गोल्डन लाइट ऑफ ए न्यू एरा" तथा "फाल ऑफ द सेंसेशनल-कल्चर" अधिक प्रसिद्ध हुई। मनोचिकित्सक एवं सम्मोहन कला विशारद डॉ० मोरे वर्सटीन से उसकी मैत्री विकसित हुई। वह समाज सेवा के कार्यों में अधिकाधिक रुचि लेने लगी।

भविष्यवाणियों के इतिहास पर दृष्टिपात करते हुए यह तथ्य स्पष्ट होचला है कि, किन्हीं व्यक्तियों में पूर्वाभास की क्षमता आश्चर्यजनक रूप से पायी जाती है। उनकी भविष्यवाणियाँ असंदिग्ध रूप से समय पर सिद्ध होती हैं। इसका कारण क्या है ? इस शक्ति को प्राप्त कर सकना हर किसी के लिए संभव है भी या नहीं ? है, तो किस प्रकार संभव है ? इन प्रश्नों का उत्तर आज उपलब्ध नहीं है, फिर भी इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि, संसार में असंदिग्ध भविष्यवाणियाँ कर सकने वाले लोग भी हुए हैं।


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    अनुक्रम

  1. भविष्यवाणियों से सार्थक दिशा बोध
  2. भविष्यवक्ताओं की परंपरा
  3. अतींद्रिय क्षमताओं की पृष्ठभूमि व आधार
  4. कल्पनाएँ सजीव सक्रिय
  5. श्रवण और दर्शन की दिव्य शक्तियाँ
  6. अंतर्निहित विभूतियों का आभास-प्रकाश
  7. पूर्वाभास और स्वप्न
  8. पूर्वाभास-संयोग नहीं तथ्य
  9. पूर्वाभास से मार्गदर्शन
  10. भूत और भविष्य - ज्ञात और ज्ञेय
  11. सपनों के झरोखे से
  12. पूर्वाभास और अतींद्रिय दर्शन के वैज्ञानिक आधार
  13. समय फैलता व सिकुड़ता है
  14. समय और चेतना से परे

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