आचार्य श्रीराम शर्मा >> अन्त्याक्षरी पद्य-संग्रह अन्त्याक्षरी पद्य-संग्रहश्रीराम शर्मा आचार्य
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जीवन मूल्यों को स्थापित करने के लिए अन्त्याक्षरी पद्य-संग्रह
(ऐ)
ऐ धरती के रहने वालो, धरती को स्वर्ग बनाना है।
है स्वर्ग कहीं यदि ऊपर तो, उसको इस भू पर लाना है।।
ऐसा कोई सुमन नहीं है, जो न खिला इस धरती पर।
कितना प्यार भरा है इसमें, शांतिकुंज कितना सुन्दर।।
ऐसा जीवन जिएँ हमारा, जीवन ही पूजा बन जाये।
पूजन की पवित्रता जैसी, जीवन में पावनता आ जाये॥
ऐसी कृपा करो जग-जननी, जीवन गायत्री मय हो।
सचिंतन सद्भाव जगे, सत्कर्मों की जग में जय हो।।
ऐसी ज्योति जगा जगदम्बे, जीवन पथ चल पायें हम।
मन का तिमिर मिटा दे अम्बे, छवि तेरी लख पायें हम॥
ऐसी भी क्या कायरता, इतना तो नहीं डरो।
पाश्चात्य संस्कृति से अब, तो खुलकर युद्ध करो॥
ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोइ।
औरन को शीतल करे, आपहुँ शीतल होइ॥
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