लोगों की राय

हास्य-व्यंग्य >> हीरक जयन्ती

हीरक जयन्ती

नागार्जुन

प्रकाशक : आत्माराम एण्ड सन्स प्रकाशित वर्ष : 2010
पृष्ठ :103
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 4156
आईएसबीएन :81-7043-699-0

Like this Hindi book 10 पाठकों को प्रिय

195 पाठक हैं

कविवर मृगांक ने सोचा—बारह पाँचे साठ सौ रुपये। कम नहीं होते हैं साठ सौ रुपये। सालभर में इतनी रकम तो दस उपन्यास भी नहीं खींच सकते !

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined offset: -1

Filename: books/book_info.php

Line Number: 553

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book