कहानी संग्रह >> बाजे पायलियाँ के घुँघरू बाजे पायलियाँ के घुँघरूकन्हैयालाल मिश्र
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सहज, सरस संस्मरणात्मक शैली में लिखी गयी प्रभाकर जी की रचना बाजे पायलियाँ के घुँघरू।
चार
प्रश्न मेरे ही विरुद्ध है, मुझे ही झकझोरता है पर देख रहा हूँ इससे मेरे ही भीतर एक मीठी रोशनी फैल रही है और मैं सोच रहा हूँ, सम्पूर्ण ममता, अपने-बेगाने, मनुष्य-पश, देश-विदेश सबके प्रति समान ममता, अखण्ड प्रेम ही देवत्व का पथ है। ‘ना जाने किस रूप में नारायण मिल जाएँ' सन्त तुलसीदास की यह सूक्ति जीवन की अखण्डता का ही तो निर्देश करती है। धर्म और राजनीति दोनों ही आज इस अखण्डता के विरुद्ध बागी होकर जी रहे हैं और तभी यह विश्व नरक का अखाड़ा बना हुआ है।
भोजन के बाद खाने के लिए रखा हुआ सेव मैं उठकर उठा लाया और मैंने उसके चार टुकड़े कर डाले। एक भैंसे को दिया, एक बछिया को, एक अपने मुँह में और एक की किरचें कर चिड़ियों को बिखेर दी।
मैं ऐसी जगह खड़ा था, जहाँ से भैंसा, बछिया और चिड़ियाँ दिखाई दे रही थीं। हम सब एक ही सेब का रस ले रहे थे और मैं हलके-हलके यह अनुभव कर रहा था कि हम सबको जीवन का एक ही प्रवाह घेरे चल रहा है।
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- उग-उभरती पीढ़ियों के हाथों में
- यह क्या पढ़ रहे हैं आप?
- यह किसका सिनेमा है?
- मैं आँख फोड़कर चलूँ या आप बोतल न रखें?
- छोटी कैची की एक ही लपलपी में !
- यह सड़क बोलती है !
- धूप-बत्ती : बुझी, जली !
- सहो मत, तोड़ फेंको !
- मैं भी लड़ा, तुम भी लड़े, पर जीता कौन?
- जी, वे घर में नहीं हैं !
- झेंपो मत, रस लो !
- पाप के चार हथियार !
- जब मैं पंचायत में पहली बार सफल हुआ !
- मैं पशुओं में हूँ, पशु-जैसा ही हूँ पर पशु नहीं हूँ !
- जब हम सिर्फ एक इकन्नी बचाते हैं
- चिड़िया, भैंसा और बछिया
- पाँच सौ छह सौ क्या?
- बिड़ला-मन्दिर देखने चलोगे?
- छोटा-सा पानदान, नन्हा-सा ताला
- शरद् पूर्णिमा की खिलखिलाती रात में !
- गरम ख़त : ठण्डा जवाब !
- जब उन्होंने तालियाँ बजा दी !
- उस बेवकूफ़ ने जब मुझे दाद दी !
- रहो खाट पर सोय !
- जब मैंने नया पोस्टर पढ़ा !
- अजी, क्या रखा है इन बातों में !
- बेईमान का ईमान, हिंसक की अहिंसा और चोर का दान !
- सीता और मीरा !
- मेरे मित्र की खोटी अठन्नी !
- एक था पेड़ और एक था ठूंठ !
- लीजिए, आदमी बनिए !
- अजी, होना-हवाना क्या है?
- अधूरा कभी नहीं, पूरा और पूरी तरह !
- दुनिया दुखों का घर है !
- बल-बहादुरी : एक चिन्तन
- पुण्य पर्वत की उस पिकनिक में