आचार्य श्रीराम शर्मा >> अध्यात्मवादी भौतिकता अपनाई जाए अध्यात्मवादी भौतिकता अपनाई जाएश्रीराम शर्मा आचार्य
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अध्यात्मवाद पर आधारित पुस्तक
भौतिकता की बाढ़ मारकर छोड़ेगी
१६७३ विवाह के पीछे अधिक से अधिक १ तलाक। यह स्थिति सन् १८६० की संयुक्त राज्य अमेरिका की है। इस वर्ष वहाँ ५३०६१७ नये विवाह हुए, इनमें से ३१७३ का संबंध विच्छेद (तलाक) हुआ। इसके बाद भौतिक सुख-सुविधाओं में तेजी से वृद्धि हुई, इस वृद्धि से भी तीव्र गति पारिवारिक जीवन में अशांति की रही। सन् १६६७ में अमेरिका में १६१३००० नये विवाह संबंध हुए, जिनमें से लगभग एक तिहाई अर्थात् ५३४६०० लोगों के संबंध विच्छेद हुए। नये विवाहों की प्रतिशत वृद्धि जहाँ २६० प्रतिशत थी वहाँ तलाकों में १६०० की प्रतिशत की वृद्धि यह सोचने को विवश करती है कि बढ़ती हुई भौतिकता जन-जीवन के लिए भूखे रहने से भी बढ़कर उत्पीड़क है।
बढ़ती हुई यांत्रिकता और भौतिकता ने मनुष्य को इतना विलासी बना दिया है कि उसे यौन-सुख के अतिरिक्त भी संसार में कोई सुख, कुछ कर्तव्य और उत्तरदायित्व हैं, यह सोचने को भी समय नहीं मिलता। अनियंत्रित भोगवासना ने योरोप के सारे समाज को चरित्र भ्रष्ट कर दिया है। कोई भी पत्नी, पति पर यह विश्वास नहीं कर सकती कि वह कब किस नये साथी का चुनाव कर लेगा। सौंदर्य और शरीर के आर्कषणों के पीछे धुत्त मनुष्य गुणों की, चरित्र की बात सोच ही नहीं पाता। उसी का परिणाम है आज अकेले अमेरिका में ३०००००० महिलायें ऐसी हैं, जिनके विवाह संबंध हो गये हैं, पर या तो उन्होंने स्वयं या उनके पतियों ने उन्हें छोड़ दिया है।
दांपत्य जीवन में जहाँ निष्ठा नहीं होती, उस समाज के युवक-युवतियाँ दिग्भ्रांत होते हैं। उनकी दिग्भ्रांति, उदंडता, अराजकता, विद्रोह और तोड़-फोड़ के रूप में प्रकट होती है। वह स्थिति उतनी दुःखांत नहीं होती, जितनी मानसिक शांति के नाम पर परस्पर आकर्षण का भ्रम। प्रौढ़ पीढ़ी के प्रति कोई श्रद्धा उनमें होती नहीं, फलतः सांसारिक अनुभवों का लाभ प्राप्त करने की अपेक्षा पानी की बाढ़ की तरह उन्हें जो अच्छा लगता है, वह उधर ही दौड़ पड़ते हैं। अनैतिक संबंधों की बाढ़ आज उसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। यह आँधी अभी दूसरे देशों में अधिक है, पर कोई संदेह नहीं यदि अपने देश में बढ़ रहे पाश्चात्य प्रभाव के कारण वह स्थिति यहाँ भी न बन जाये।
रूस को अपने चरित्र और नैतिकता का बड़ा गर्व रहता है। वहाँ भी ६ बच्चों में से १ बच्चा निश्चित अवैध संबंध से जन्मा होता है। न्यूजीलैंड में ८ के पीछे १, इंगलैंड में १३ में १, आस्ट्रेलिया में १२ में १, अमेरिका में १४ में १ बच्चा ऐसा होता है, जिसके माता-पिता विवाह के पूर्व ही शरीर संबंध स्थापित कर चुके होते हैं। इस तरह की अवैध संतानों की संख्या अकेले अमेरिका में ही तीन लाख से भी अधिक है।
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- भौतिकता की बाढ़ मारकर छोड़ेगी
- क्या यही हमारी राय है?
- भौतिकवादी दृष्टिकोण हमारे लिए नरक सृजन करेगा
- भौतिक ही नहीं, आध्यात्मिक प्रगति भी आवश्यक
- अध्यात्म की उपेक्षा नहीं की जा सकती
- अध्यात्म की अनंत शक्ति-सामर्थ्य
- अध्यात्म-समस्त समस्याओं का एकमात्र हल
- आध्यात्मिक लाभ ही सर्वोपरि लाभ है
- अध्यात्म मानवीय प्रगति का आधार
- अध्यात्म से मानव-जीवन का चरमोत्कर्ष
- हमारा दृष्टिकोण अध्यात्मवादी बने
- आर्ष अध्यात्म का उज्ज्वल स्वरूप
- लौकिक सुखों का एकमात्र आधार
- अध्यात्म ही है सब कुछ
- आध्यात्मिक जीवन इस तरह जियें
- लोक का ही नहीं, परलोक का भी ध्यान रहे
- अध्यात्म और उसकी महान् उपलब्धि
- आध्यात्मिक लक्ष्य और उसकी प्राप्ति
- आत्म-शोधन अध्यात्म का श्रीगणेश
- आत्मोत्कर्ष अध्यात्म की मूल प्रेरणा
- आध्यात्मिक आदर्श के मूर्तिमान देवता भगवान् शिव
- आद्यशक्ति की उपासना से जीवन को सुखी बनाइए !
- अध्यात्मवादी भौतिकता अपनाई जाए
- आध्यात्मिक साधना का चरम लक्ष्य
- अपने अतीत को भूलिए नहीं
- महान् अतीत को वापस लाने का पुण्य प्रयत्न