आचार्य श्रीराम शर्मा >> अध्यात्मवादी भौतिकता अपनाई जाए अध्यात्मवादी भौतिकता अपनाई जाएश्रीराम शर्मा आचार्य
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अध्यात्मवाद पर आधारित पुस्तक
शराब जहाँ साक्षात् विष है वहाँ 'खाओ, पियो और मौज करो' के सिद्धांत का एक अनिवार्य अंग है। जीर्ण भोगों को नवीन बनाने, जीवन में रस लाने और असफल प्रेम की पीड़ा भुलाने के लिए भौतिकवादियों के पास शराब के अतिरिक्त अन्य कोई उपाय ही नहीं होता। निदान हर्ष-शोक, जिंदगी तथा मनोरंजन के लिए शराब को अनिवार्यता देने से शरीर एवं मस्तिष्क की स्थिति इतनी कमजोर हो जाती है कि जीवन बोझ लगने लगता है और तब एक छोटी-सी भी अप्रियता आत्महत्या के लिए प्रेरित कर देती है।
नास्तिकता अथवा ईश्वर के प्रति अनास्था, ऐसा कौन-सा पाप है, जिसकी ओर मनुष्य को उन्मुख नहीं कर देती। जिसे आत्मा-परमात्मा में विश्वास होता है, वह उसके आधार पर संसार में सब ओर से निराधार होकर भी जिंदगी की नाव पार निकाल ले जाता है। जिन अभागों के पास यह आधार नहीं होता, उनकी जिंदगी टूटी नाव की तरह एक छोटी-सी लहर से ही अतल में बैठ जाते हैं। अनीश्वरवादी तनिक-सी बात पर इतनी बड़ी सीमा तक निराश, निरुत्साह, नीरस तथा निरुपाय हो जाता है कि उसे आत्महत्या ही एकमात्र ऐसा उपाय सूझता है कि जिसके आधार पर वह शांति पा जाने की आशा करता है।
कहना न होगा कि भौतिक भोगवाद मनुष्य-जीवन के लिए बड़ा भयानक विश्वास है। भौतिक आवश्यकताओं के साथ आध्यात्मिक आस्था ही जीवन को सुखी, शांत तथा संपन्न बना सकती हैं।
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- भौतिकता की बाढ़ मारकर छोड़ेगी
- क्या यही हमारी राय है?
- भौतिकवादी दृष्टिकोण हमारे लिए नरक सृजन करेगा
- भौतिक ही नहीं, आध्यात्मिक प्रगति भी आवश्यक
- अध्यात्म की उपेक्षा नहीं की जा सकती
- अध्यात्म की अनंत शक्ति-सामर्थ्य
- अध्यात्म-समस्त समस्याओं का एकमात्र हल
- आध्यात्मिक लाभ ही सर्वोपरि लाभ है
- अध्यात्म मानवीय प्रगति का आधार
- अध्यात्म से मानव-जीवन का चरमोत्कर्ष
- हमारा दृष्टिकोण अध्यात्मवादी बने
- आर्ष अध्यात्म का उज्ज्वल स्वरूप
- लौकिक सुखों का एकमात्र आधार
- अध्यात्म ही है सब कुछ
- आध्यात्मिक जीवन इस तरह जियें
- लोक का ही नहीं, परलोक का भी ध्यान रहे
- अध्यात्म और उसकी महान् उपलब्धि
- आध्यात्मिक लक्ष्य और उसकी प्राप्ति
- आत्म-शोधन अध्यात्म का श्रीगणेश
- आत्मोत्कर्ष अध्यात्म की मूल प्रेरणा
- आध्यात्मिक आदर्श के मूर्तिमान देवता भगवान् शिव
- आद्यशक्ति की उपासना से जीवन को सुखी बनाइए !
- अध्यात्मवादी भौतिकता अपनाई जाए
- आध्यात्मिक साधना का चरम लक्ष्य
- अपने अतीत को भूलिए नहीं
- महान् अतीत को वापस लाने का पुण्य प्रयत्न