जीवन के जिस मोड़ पर अब मैं हूँ, वहाँ अब किसी लड़की से इतनी निकटता की संभावना
लगभग निश्चित तौर पर शादी के बाद ही होने वाली है। अगर आईएएस की तैयारी के
चक्कर में पड़ गया, तब तो अगले कुछ सालों तक ऐसा हो पाना और भी कठिन होगा। मेरी
शादी जिससे भी होगी, इस बात की संभावना बहुत ही थोड़ी है कि, मैं उसे शादी से
पहले, दिन के उजाले में या रात की लाइट में शादी से पहले कभी भी न देखूँ। मेरा
मतलब यह है कि मैं अपनी पत्नी को शादी तक न देखूँ और सीधे सुहागरात में उसे
बिना कपड़ों के देखूँ, ऐसा होने की संभावना बहुत ही कम है। वहीं इस लड़की को
मैंने पहले देखा तो है, लेकिन केवल उड़ती-उड़ती निगाहों से, लगभग हजार के
आस-पास परीक्षार्थी रहे होंगे कालेज में। उसमें लड़कियों की संख्या निश्चित ही
लड़कों से अधिक थी। लगता है कि लड़कियाँ डॉक्टर बनने में अधिक रुचि लेने लगी
हैं, लड़कों की बनिस्बत। जब इसे देखा भी था, तब यह तो मेरे ख्याल में भी नहीं
आया था कि ऐसा हो जायेगा।
अब इतनी रात में जबकि कूपे में अंधेरा है, इसलिए आँखें तो कुछ नहीं देख सकती
हैं, लेकिन उंगलियों से छू अवश्य सकता हूँ, और वह भी ऐसे स्थानों पर जहाँ कम
लोगों की पहुँच ही होगी। अजीब हाल है!
लाइट नहीं, कैमरा नहीं, लेकिन एक्शन फुल चालू!
मैं अपनी बायीं करवट लेते हुए उसके साथ चिपका हुआ था और मेरे कंधे और सारा वजन
बायीं कोहनी पर टिका था। इसलिए बायाँ हाथ तो कुछ खास कर नहीं सकता था, पर उसकी
सारी कमी दायाँ हाथ पूरी कर रहा था। इत्तेफाक से मेरा दायाँ हाथ अधिक कुशल है,
इसलिए मुझे कोई खास समस्या न थी, बल्कि समय के साथ मेरा ध्यान पूरी तरह उस पर
केंद्रित होता जा रहा था। अब मेरी सारी संवेदनाएँ बायें हाथ की हथेली और
उंगलियों से उसके शरीर से संपर्क बना रहीं थी। मेरी दायीं हथेली की तीनों
उंगलियाँ धीरे-धीरे उसके ओठों से दायें गाल पर फिसलीं और फिर उसके बाद घूमती
हुई ठुड्डी पर पहुँची। जैसे-जैसे उँगली उसके गालों के पर घूमी, उसका गोरा चेहरा
और चिकनी त्वचा मेरी आँखों के सामने घूम गई। उंगली जब तक वापस उसके ओठों पर
पहुँची, तब मुझे भली भाँति उसके काँपते ओठों को अनुभव किया। मुझे समझ नहीं आया
कि उसके ओठ क्यों काँप रहे थे। मैंने बगैर सोचे-समझे अपने ओठों को उसके ओठों से
जोड़ दिया। एक क्षण के लिए चौंकने के बाद उसने भरपूर उत्तर दिया और न केवल उसके
ओठ, मेरे ओठों से उसी तरह जुड़ गये जैसे बहुत ठंड वाले दिन किसी लोहे के खम्बे
को चूमने के चक्कर में उसकी ठंडी स्टील की सतह से चिपक जाते हैं, बल्कि उसने
अपने शरीर की जबरदस्त बिजली मेरे शरीर में सीधी एक झटके में उतार दी।
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