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पौराणिक >> पौलस्त्य

पौलस्त्य

श्रीनिधि सिद्धान्तालंकार

प्रकाशक : आत्माराम एण्ड सन्स प्रकाशित वर्ष : 2000
पृष्ठ :124
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 4639
आईएसबीएन :81-7043-433-5

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वाल्मीकि-रामायण की यह गाथा उस प्रागैतिहासिक काल की प्रतीत होती है जब दक्षिण भारत का कोंकण-प्रदेश पर्वत-घाटियों, नद-नदियों, चट्टानों, महावनों और उनमें बसने वाले वन्य-पशु-पक्षियों से ही भरा था।

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