मनोरंजक कथाएँ >> अद्भुत द्वीप अद्भुत द्वीपश्रीकान्त व्यास
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जे.आर.विस के प्रसिद्ध उपन्यास स्विस फेमिली रॉबिन्सन का सरल हिन्दी रूपान्तर...
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अब हमारे लिए सबसे जरूरी चीज थी सीढ़ी। बिना सीढ़ी के पेड़ों पर चढ़ पाना मुश्किल था। लेकिन जल्द ही यह अड़चन भी दूर हो गई पास ही बांसों का बहुत बड़ा झुरमुट था। वहां से बांस लाकर आरी और कीलों की मदद से हमने एक अच्छी-सी सीढ़ी तैयार कर ली।
पेड़ पर मचाननुमा मकान किस तरह बनाना है, इसका पूरा नक्शा मेरे दिमाग में खिंच चुका था। जिस पेड़ पर मकान बनाने की बात तय की गई थी, उसकी डालें बिल्कुल सीधी थीं और उनके बीच की चौड़ाई बराबर-सी थी। उन पर तख्ते जड़कर फर्श और जहाज के फटे पाल व बांस के टुकड़ों से दीवारें व छत बनाई जा सकती थीं।
दूसरे दिन सुबह होते ही हम सब नया मकान बनाने में जुट गये। मैं कीलें, हथौड़ा, आरी और दूसरी जरूरी चीजें लेकर पेड़ पर चढ़ गया और फ्रिट्ज व उसके भाई नीचे से तजे और बांस के टुकड़े पकडाने लगे। काम बहुत था। दिन-भर बिना खाये-पिये जुटे रहना पड़ा, तब कहीं सूरज डूबने तक हमारा काम निबट पाया। मचाननुमा मकान बनकर तैयार हो गया।
उस रात हम सब खा-पी कर नये मकान में ही सोए।
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