मनोरंजक कथाएँ >> अद्भुत द्वीप अद्भुत द्वीपश्रीकान्त व्यास
|
4 पाठकों को प्रिय 161 पाठक हैं |
जे.आर.विस के प्रसिद्ध उपन्यास स्विस फेमिली रॉबिन्सन का सरल हिन्दी रूपान्तर...
सुरक्षा-सरद के पास पानी में सील मछलियां भी आती रहती थीं। एक बार मेरे बच्चे हारपून (मछली मारने वाली बरछी) की मदद से कुछ सील मछलियां पकड़ चुके थे। वे हमारे लिए बड़ी फायदेमन्द साबित हुई थीं। उनके चमड़े से हमने अपने घोड़ों के लिए जीन तैयार की थीं और चर्बी से साबुन बनाया था। वे वहां इतनी भारी तादाद में थी कि जब भी नजर पड़ती, शिकार करने की इच्छा होने लगती। लेकिन इसके लिए एक छोटी डोंगी की जरूरत थी। मैं सोचता रहता, कि अगर इस समय डिलीवरेंस (नौका) हमारे पास होती तो कितना मजा आता। वैसे तो एक नाव हमारे पास और भी थी, लेकिन वह इतनी बड़ी थी कि उससे मछली का शिकार करना संभव न था। इसलिए मैंने सोचा कि एक पेड़ को काटकर उसके तने से एक ऐसी नाव बनानी चाहिए जो मछली का शिकार करने के काम आ सके। लेकिन वहां, समुद्र के किनारे बड़े पेड़ न थे। जब मैंने अपना यह विचार बच्चों को बताया तो वे भी राजी हो गए और कहा कि जैसे भी संभव हो, हमें एक बड़े पेड़ की तलाश करनी चाहिए।
सबसे पहले हम अपने पुराने निवास-स्थान पर गए। हालांकि ज्यादातर सुरक्षा-तट पर रहने के कारण काफी दिनों से वहां कि देखभाल न हो सकी थी, लेकिन जाकर मैंने देखा कि सब कुछ ठीक-ठाक ही है। मेरी पत्नी ने वहां जो बागवानी की थी, वह पूरी तरह हरी-भरी थी और लहलहा रही थी। छोटे-छोटे खेतों में हमने जौ, मटर और गेहूं बो रखे थे। वे पूरी तरह पक चुके थे और काटे जाने की राह देख रहे थे। इसलिए हमने सोचा कि सबसे पहले फसल काटने का काम निबटा देना चाहिए। बात की बात में सारे लोग जुट गए और दो दिनों के अंदर कटाई का काम समाप्त हो गया। उन खेतों में जो अनाज पैदा हुआ वह इतना काफी था कि बीज के लिए अलग निकाल देने के बाद भी हम छ: महीने बड़े आराम से गुजारा कर सकते थे। हमारे परिवार पर इस पैदावार का असर यह पड़ा कि सभी यह चाहने लगे कि हमें अपने खेती-बारी के काम को और बढ़ाना चाहिए।
|