विवेकानन्द साहित्य >> ध्यान तथा इसकी पद्धतियाँ ध्यान तथा इसकी पद्धतियाँस्वामी विवेकानन्द
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प्रस्तुत है पुस्तक ध्यान तथा इसकी पद्धतियाँ।
मन का अनुशीलन कैसा करें
अनियंत्रित और अनिर्दिष्ट मन हमें सदैव उत्तरोत्तर नीचे की ओर घसीटता रहेगा - हमें चींथ डालेगा, हमें मार डालेगा, और नियन्त्रित तथा निर्दिष्ट मन हमारी रक्षा करेगा, हमें मुक्त करेगा।
किसी पार्थिव विज्ञान के अध्ययन और विश्लेषण के लिए पर्याप्त आँकड़े जुटाये जाते हैं। इन तथ्यों का अध्ययन और विश्लेषण किया जाता है और परिणाम होता है, उस विज्ञान की जानकारी। किन्तु मन के अध्ययन और विश्लेषण के लिए कोई आँकड़े नहीं हैं, बाहर से उपलब्धि के लिए कोई ऐसे तथ्य नहीं हैं, जो समान रूप से सर्वसुलभ हों। मन का विश्लेषण स्वयं उसीके द्वारा होता है। इसलिए सर्वश्रेष्ठ विज्ञान है मन का विज्ञान अथवा मनोविज्ञान। (४.११४)
गहन... गहन गहराई में वह यथार्थ मनुष्य है, आत्मा। मन को अन्तर्मुख कर लो और उससे संयुक्त हो जाओ। स्थायित्व की उस पीठिका से मन के परिभ्रमणों का निरीक्षण और तथ्यों का पर्यवेक्षण किया जा सकता है, और यह हमें सभी व्यक्तियों में मिलेगे। (४.११५)
मन को वश में करने के लिए तुमको अवचेतन मन की गहराई में अवश्य जाना पड़ेगा, वहाँ जो विभिन्न संस्कार, विचार आदि संचित है, उन्हें क्रमबद्ध करना पड़ेगा तथा उन पर नियन्त्रण रखना पड़ेगा। यह प्रथम सोपान है। अवचेतन मन पर नियन्त्रण से चेतन मन पर तुम्हारा नियन्त्रण स्थापित हो जायगा। (४.११६)
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