लोगों की राय

विवेकानन्द साहित्य >> ध्यान तथा इसकी पद्धतियाँ

ध्यान तथा इसकी पद्धतियाँ

स्वामी विवेकानन्द

प्रकाशक : रामकृष्ण मठ प्रकाशित वर्ष : 2019
पृष्ठ :80
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 5917
आईएसबीएन :9789383751914

Like this Hindi book 7 पाठकों को प्रिय

127 पाठक हैं

प्रस्तुत है पुस्तक ध्यान तथा इसकी पद्धतियाँ।

साक्षी बनो

यदि खूनी हाथ तुम्हारी गर्दन पकड़ ले, तो कहो, “मैं साक्षी हूँ! मैं साक्षी हूँ!” कहो, “मैं आत्मा हूँ! कोई भी बाह्य वस्तु मुझे स्पर्श नहीं कर सकती।” यदि मन में बुरे विचार उठें, तो बार बार यही दुहराओ, यह कह कहकर उनके सिर पर हथौड़े की चोट करो कि “मैं आत्मा हूँ! मैं नित्य, साक्षी, शुभ और कल्याणस्वरूप हूँ! कोई कारण नहीं कि मैं कर्म करूँ, कोई कारण नहीं, जो मैं भुगतूं, मेरे सब कर्मों का अन्त हो चुका है, मैं साक्षीस्वरूप हूँ। मैं अपनी चित्रशाला में हूँ - यह जगत् मेरा अजायबघर है, मैं इन क्रमागत चित्रों को केवल देखता जा रहा हूँ। वे सभी सुन्दर हैं - भले हों या बुरे।

मैं अद्भुत कौशल देख रहा हूँ; किन्तु यह समस्त एक है। उस महान् चित्रकार परमात्मा की अनन्त अर्चियाँ!” (३.९७-९८)

 

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book