विवेकानन्द साहित्य >> ध्यान तथा इसकी पद्धतियाँ ध्यान तथा इसकी पद्धतियाँस्वामी विवेकानन्द
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प्रस्तुत है पुस्तक ध्यान तथा इसकी पद्धतियाँ।
एक रूपक कथा
आत्मा के सम्बन्ध में एक सुन्दर उपमा दी गयी है। आत्मा को रथी, शरीर को रथ, बुद्धि को सारथी, मन को लगाम और इन्द्रियों को अश्वों की उपमा दी गयी है।
जिस रथ के घोड़े अच्छी तरह प्रशिक्षित है, जिस रथ की लगाम मजबूत है और सारथी के द्वारा दृढ़रूप से पकड़ी हुई है, वह रथी विष्णु के उस परम पद को पहुँच सकता है, किन्तु जिस रथ के इन्द्रियरूपी घोड़े दृढ़ भाव में संयत नहीं हैं तथा मनरूपी लगाम मजबूती से पकड़ी हुई नहीं है, वह रथी अन्त में विनाश को प्राप्त होता है। (२.१७२)
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